ट्रेन, मेट्रो, वंदे भारत के बाद अब देश में रैपिड रेल दौड़ाने की तैयारी है, जिसकी स्पीड 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके लिए पहला कॉरिडोर दिल्ली से मेरठ के बीच बनाया गया है, जो 82 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 14 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है, जबकि 68 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। कॉरिडोर का पहला सेक्शन भी गाजियाबाद में साहिबाबाद स्टेशन से दुहाई डिपो तक बना है, जिसकी लंबाई 17 किलोमीटर है। ट्रेन की हर लेवल की टेस्टिंग हो चुकी है। हर स्टेशन पर यह 5 से 10 मिनट रुकेगी। रात में सिर्फ 6 घंटे लिए यह बंद रहेगी। निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

मेट्रो, वंदे भारत और रैपिड रेल में अंतर

मेट्रो की स्पीड 80 किलोमीटर है। वंदे भारत सेमी स्पीड ट्रेन हैं, जो 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ती हैं, लेकिन रैपिड रेल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर का सफर तय कर सकेगी। 6 कोच वाली यह ट्रेन बिल्कुल बुलेट ट्रेन जैसी है। साइड से यह मेट्रो जैसी दिखती है। इसमें महिलाओं और बिजनेस क्लास के लिए मेट्रो की तरह कोच रिजर्व रहेगा। रेलवे स्टेशनों में टिकट ऑनलाइन या काउंटर पर खरीदे जाते हैं। मेट्रो स्टेशनों में स्मार्ट कार्ड, क्यूआर कोड वाले टिकट या टोकन से खरीदे जाते हैं। रैपिड रेल में क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल और पेपर टिकटिंग सुविधा मिलेगी। स्टेशनों के अंदर ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी होंगे।

3 चरणों में पूरा होगा दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर

रैपिड रेल का पहला सेक्शन गाजियाबाद के दुहाई से साहिबाबाद तक है, जिसमें 5 स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो होंगे। दिल्ली से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। एक सेक्शन का उद्घाटन होने के बाद रैपिड रेल को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा। मेरठ साउथ तक सेकेंड फेज में काम होगा। थर्ड फेज में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच सेक्शन बनेगा। 2025 में रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी और सफर सिर्फ 55 मिनट में पूरा हो जाएगा। हर रोज करीब 8 लाख लोगों के इसमें सफर करने की संभावना है। अगले 5 सालों में 5 रैपिड ट्रेन दौड़ाने की योजना है। इसका टारगेट दिल्ली में ट्रैफिक को कम करना है। वहीं दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण और सड़कों पर वाहनों की संख्या भी कम होगी।

रैपिड रेल के फीचर्स

  • 6 कोच और आमने-सामने बैठने के लिए 2×2 सीटें होंगी।
  • यात्री खड़े होकर सफर कर सकेंगे। एनर्जी की भी बचत होगी।
  • ऑटोमेटिक प्लग-इन डोर, खोलने-बंद करने को पुश बटन होंगे।
  • हर स्टेशन पर सभी दरवाजों को खोलने की जरूरत नहीं होगी।
  • मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने की जगह होगी।
  • इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलेगा। एक कोच महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगा।
  • प्रत्येक कोच में 10-10 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व की जाएंगी।
  • यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए जाएंगे।

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