भागलपुर। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हर वर्ष जिले के लोग बाढ़ का दंश झेलते हैं. लोगों को ऊपरी इलाकों में शरण लेना पड़ता है. हालात ऐसे होते हैं कि एक माह से अधिक तक लोगों को अपना घर नसीब नहीं होता है. समस्या ऐसी होती है कि खाने पर भी आफत हो जाती है. लेकिन इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है. सभी अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई है. आपको बता दें कि स्वास्थ्य, आपदा, पीएचइडी सहित अन्य विभागों के साथ बैठक की गई. सभी को अलर्ट मोड पर रखा गया है. जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने बताया कि जहां-जहां आश्रय स्थल बनाया जाना है, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. अगर जलस्तर में अधिक वृद्धि होती है, तो तुरंत बनाया जाएगा।
डीएम सुब्रत सेन ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ पूर्व सबकी जांच कराई जा रही है. विशेष ख्याल रखा जाएगा. सबसे बड़ा आश्रय स्थल हवाई अड्डा मैदान में बनाया जाएगा. वहां पर कई गांव के लोगों का बसेरा होता है. पिछले वर्ष पेयजल की समस्या आयी थी. लेकिन इस बार इसका विशेष ख्याल रखा जा जाएगा।
पर्याप्त मात्रा में है पॉलीथिन सीट
जिलाधिकारी ने बताया कि पॉलीथिन सीट भी पर्याप्त मात्रा में है. लोगों को तम्बू बनाये जाने को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य शिविर भी सभी कैम्प में रहेगा. एम्बुलेंस भी मुहैया कराया जाएगा. वहीं बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा. विभागों को सभी निर्देश दे दिए गए हैं।
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