सोमवार को रामलला अपने दिव्य स्वरूप में श्रीराम जन्मभूमि के नये मन्दिर में प्रतिष्ठित हो रहे हैं। उसके ठीक एक दिन पहले रविवार को पटना के महावीर मन्दिर न्यास ने राम मन्दिर निर्माण में अपने 10 करोड़ के योगदान का वचन पूरा किया। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को दो करोड़ रुपये की अंतिम किश्त का चेक सौंप दिया। आचार्य किशोर कुणाल ने 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आते ही महावीर मन्दिर की ओर से राम मन्दिर निर्माण में 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने की घोषणा की थी।

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 2 अप्रैल 2020 को जिस दिन श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुला था, उसी दिन महावीर मन्दिर की ओर से दो करोड़ रुपये की पहली किश्त दी गयी थी। वर्ष 2021, 2022 और 2023 में लगातार इतनी राशि दी जाती रही। अब अंतिम किश्त के रूप में 2 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी गयी। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि किसी एक संस्था के द्वारा अयोध्या में रामलला के मन्दिर निर्माण में सहयोग के तौर पर 10 करोड़ रुपये देनेवाला महावीर मन्दिर देश का पहला संस्थान है।

अयोध्या के अमावा राम मन्दिर न्यास की ओर से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को सोने का तीर-धनुष भेंट किया गया। अमावा राम मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के. परासरन की ओर से उनके पौत्र विष्णु परासरन और सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने स्वर्ण जड़ित तीर-धनुष भेंट किया। अमावा राम मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का धनुष जिसे कोदंड के नाम से जाना जाता है, उसे चेन्नई में बनवाया गया है। 2.5 किलो वजन का यह तीर-धनुष तांबे के बेस पर स्वर्ण जड़ित है।

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अमावा राम मन्दिर के शिखर के लिए स्वर्ण जड़ित कलश बनवाया गया। इसके लिए भारत सरकार के उपक्रम एमएमटीसी से सोना खरीदा गया था। उसमें से कलश निर्माण के बाद शेष बचे सोने से स्वर्ण जड़ित कोदंड तैयार किया गया है। 22 जनवरी सोमवार से राम-रसोई दोनों पहर चलने लगी

अयोध्या के अमावा राम मन्दिर परिसर में 1 दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी के दिन से चल रही राम रसोई 22 जनवरी, सोमवार से दोनों पहर चलने लगेगा। रामलला के दर्शनार्थियों के लिए यह राम रसोई पटना के महावीर मन्दिर द्वारा संचालित की जा रही है। यहाँ राम भक्तों को निःशुल्क 9 प्रकार के शाकाहारी शुद्ध व्यंजन पड़ोसे जाते हैं। बिहारी शैली में भक्तों को पूछ-पूछकर पूरे अपनत्व के साथ खिलाया जाता है।

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अभी तक दिन का ही भोजन कराया जाता रहा है। रामलला के नये मन्दिर में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर शाम को भी राम रसोई में भक्तों को निःशुल्क स्वादिष्ट भोजन दिया जाएगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम रसोई के माध्यम से महावीर मन्दिर की ख्याति भारत के कोने-कोने तक फैली है। अब रामलला के नये मन्दिर में विराजमान होने के बाद दर्शन को आने वाले देश-दुनिया के रामभक्त राम रसोई में सुबह-शाम निःशुल्क स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि राम रसोई के लिए न अयोध्या और न ही पटना में कोई आर्थिक सहयोग लिया जाता है। महावीर मन्दिर की आय से यह राम रसोई संचालित की जा रही है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.