बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में साझेदार जनता दल यूनाइटेड के नेता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर सवाल खड़े किए हैं. जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि पीएम मोदी अपनी जाति छिपाना चाहते हैं, इसलिए देश में जातीय गणना नहीं करा रहे हैं. जेडीयू MLC शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की
नीरज कुमार ने कहा कि “अगर PM नरेंद्र मोदी की जाति मोध घांची है, तो वह सामाजिक या शैक्षणिक रूप से पिछड़े नहीं थे. फिर नरेंद्र मोदी ने खुद को ओबीसी में कैसे शामिल कर लिया? वह जाति ओबीसी में कैसे शामिल है? सामाजिक या आर्थिक सर्वेक्षण कब किया गया? उस सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहां है? नरेंद्र मोदी ‘वोट का सौदागर’ हैं और उन्होंने कन्नौज में कहा था कि वह ओबीसी श्रेणी से आते हैं. वह अधिसूचना कहां है जिसमें कहा गया है कि उनकी जाति और समुदाय के लोग शामिल हैं ओबीसी में? वह ‘वोट का सौदागर’ हैं, इसीलिए वह जाति आधारित जनगणना नहीं चाहते।
नीरज ने दावा किया कि प्रधानमंत्री अगड़े वर्ग से आते हैं, यह दावा उनके पूर्वजों ने भी किया था. अगर जाति आधारित जनगणना होती है , तो उनकी सामाजिक सच्चाई खुल जाएगी कि नरेंद्र मोदी ने कैसे धोखा दिया है. हम बीजेपी से पूछना चाहते हैं कि क्या हमारा आरोप सच है? जेडीयू नेता ने आरोप लगाया कि पीएम ने राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग किया और अपनी जाति को ओबीसी में शामिल किया. पीएम मोदी ने झूठ बोला है. 27 अप्रैल 2019 को पीएम मोदी ने कन्नौज में एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि वह ओबीसी वर्ग से हैं.’
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