राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को लैंड फॉर जॉब से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी और लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल को चार हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी. स्पेशल जज विशाल गोगने की कोर्ट ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम के जमानती पर अंतरिम जमानत दी. कोर्ट ने कात्याल की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उसे अपना इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने पाया कि अमित कात्याल को तत्काल कार्डियेक प्रक्रिया से गुजरना है और बेरियाट्रिक सर्जरी भी करनी होगी. कोर्ट ने अंतरिम जमानत अवधि खत्म होने पर सरेंडर करने का आदेश दिया. इससे पहले 3 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन और मनीष जैन ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि आरोप काफी गंभीर हैं. उसने अपनी खराब बीमारी का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत की मांग की है।

27 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को समन जारी कर पेश होने का निर्देश दिया और अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि कात्याल ने 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नामक कंपनी का गठन किया. यह कंपनी आईटी से जुड़ी हुई थी. इसने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया, बल्कि कई भूखंड खरीदे।

इनमें से एक भूखंड लैंड फॉर जॉब के अपराध से हासिल किया गया. इस कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया. मनीष जैन ने कहा कि इस मामले में ईडी ने केवल अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है. एबी एक्सपोर्ट नामक कंपनी 1996 में एक्सपोर्ट का व्यापार करने के लिए गठित की गई थी. 2007 में एबी एक्सपोर्ट कंपनी को पांच कंपनियों के पांच करोड़ रुपये मिले और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में एक संपत्ति खरीदी गई।