23 अगस्त को भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंड करके नया इतिहास बना दिया। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने अपना काम भी शुरू कर दिया। कई तस्वीरें भी आ चुकी हैं। जिस समय चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड हुआ, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए हुए थे। उन्होंने वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही उसने रूबरू होकर बधाई देंगे। आज पीएम मोदी विदेश से लौट आये और सीधे बेंगलुरु के इसरो कमांड सेंटर पहुंच गए।

चंद्रयान-2 की असफलता के बाद पूरा स्पेस सेंटर हो गया था भावुक 

पीएम जब बेंगलुरु एयरपोर्ट से सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचे तो वहां मौजूद वैज्ञानिकों ने बेहद ही उत्साह और उमंग से उनका स्वागत किया। यह देखकर लोगों को साल 2019 का वक्त याद आ गया। 7 सितंबर की रात को मिशन चंद्रयान-2 फेल हो गया था। लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। उस समय पीएम मोदी सतीश धवन स्पेस सेंटर में ही मौजूद थे। सुबह जब वह वहां से वापसी कर रहे थे तब उस समय इसरो के तत्कालीन प्रमुख के सिवन से मिले तो भावुक हो गए और रोने लगे। जिसके बाद पीएम मोदी ने के सिवान को गले लगा लिया और उन्हें ढाढ़स बंधाया। यह देखकर पीएम मोदी समेत पूरे देश के आंखों में आंसू थे। लेकिन आज पूरा माहौल बदला हुआ है।

आज का माहौल पूरी तरह से बदला हुआ 

आज जब पीएम मोदी सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचे तो वहां मौजूद वैज्ञानिक बेहद ही खुश दिखे। आज भी पीएम मोदी ने कई वैज्ञानिकों को गले लगाकर बधाई दी। सभी वैज्ञानिकों के चेहरे पर सफलता की ख़ुशी झलक रही थी। आज वहां मौजूद वैज्ञानिकों में से कई वैज्ञानिक 7 सितंबर 2019 की सुबह भी मौजूद रहे होंगे। जब उन्होंने के सिवान को फफकते हुए देखा होगा। उनके भी आंसू नहीं रुके होंगे। आज वह गर्व के साथ पीएम मोदी से मिलें और कहा होगा हमने कर दिखाया। हमने भारत का झंडा चंद्रमा की सतह पर फहरा दिया।