बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा में तटबंध सुरक्षा में बालू की बोरे की जगह मिट्टी के बोरे पाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार के दावों की पोल खुल गई है।सिन्हा ने कहा कि प्रतिवर्ष बरसात शुरू होने के पहले राज्य के सभी तटबंधों पर मरम्मती और बाढ़ निषेधात्मक कार्य कराये जाते हैं। इसमें करोड़ों रुपये व्यय होता है।लेकिन दरभंगा में तटबंध निरीक्षण में वास्तविक स्थिति का पता चला है।

उन्होंने कहा कि बालू की जगह मिट्टी औऱ पत्थर के जगह दूसरे सामग्री का उपयोग अन्य जगहों पर भी किया जा रहा है। लेकिन सरकार इससे सबक लेने के बदले काम अच्छा होने का ढिढोरा पीट रही है। अभी तो बाढ़ आना बाँकी है। राज्य की जनता उस समय देखेगी कि किस प्रकार का लूट जल संसाधन विभाग के लोगों द्वारा किया गया है।

सिन्हा ने कहा कि नल जल, गंगा जल, जल जीवन हरियाली, अस्पतालों का मिशन 60,प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास ,भवन निर्माण,शराब वंदी, बालू खनन सहित राज्य की सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है और कार्य में खानापूरी कर राशि की निकासी कर ली जाती है। उपर से नीचे तक राशि का बंदरबांट होता है। आज सरकार अपने किसी भी योजना के बारे में यह बताने में सक्षम नहीं है कि अमुक योजना में शत प्रतिशत राशि व्यय हुआ है और इसमें भरस्टाचार नहीं हुआ है।

सिन्हा ने कहा कि बिहार के लोग अवगत हैं कि किस प्रकार 2015-17 की महागठबंधन सरकार में चूहों ने बाँध में छेद कर दिया था। जिससे बाढ़ आ गई थी। थाने में जप्त कर रखी शराब की बोतल में से चूहों ने शराब पी ली थी। वही महागठबंधन सरकार फिर से बिहार में है। यहाँ अपराधियों औऱ भ्रष्टाचारियों में कम्पटीशन है।


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