राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. इसे लेकर देशवासी काफी प्रफुल्लित है. उद्घाटन को लेकर भगवान श्रीराम के लगभग सभी जगह पर आमंत्रण पत्र भेजा गया, लेकिन उनके मौसी के घर आमंत्रण पत्र नहीं पहुंचा. इसको लेकर साहित्यकार आलोक कुमार ने कहा कि यहां की समिति अत्यधिक सक्रिय नहीं थी, इसलिए यहां पर उनका आमंत्रण पत्र नहीं पहुंचा. यह बहुत ही दुखद बात है. क्योंकि जहां-जहां उनका रिश्ता रहा है वहां पर आमंत्रण पत्र जरूर भेजा गया है।

साहित्यकार आलोक कुमार ने कहा कि हमलोग इस बात से दुखी तो हैं पर यह सभी भारतवासियों के लिए शुभ दिन है. उन्होंने बताया कि आमंत्रण तो नहीं मिला है, लेकिन हमलोग यहां पर दीपोत्सव जरूर मनाएंगे, साथ ही रथ यात्रा भी निकाली जाएगी. ताकि यहां के लोग भी इनके बारे में जान पाए और इस ऐतिहासिक दिन को याद रख पाए।

अंग क्षेत्र का इतिहास काफी पुराना रहा है. यहां पर कई राजाओं का शासन रह चुका है. इसे अंग राज कर्ण की धरती भी कही जाती है. उन्होंने बताया कि कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिनी का विवाह यहां के राजा रोमपाद से हुई थी. उन्होंने बताया कि राजा रोमपाद का नाम रोमपाद दशरथी भी माना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि राजा रोमपाद व दशरथ दोनों परम मित्र थे।

इसी दौरान जब एक दिन रोमपाद राजा दशरथ के यहां घूमने गए थे, इस दौरान वर्षिनी से इनका विवाह हुआ था, जो कौशल्या की बहन थी. इस नाते से राजा रोमपाद भगवान राम के मौसा लगते थे।


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