महाराष्ट्र में इन दिनों आरक्षण की आग लगी हुई है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की लगातार मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। दरअसल, राज्य में अब हर तबका आरक्षण की मांग करने लगा है। इस बीच आरक्षण में बदलाव को लेकर आज गोंड गोवारी जमाती के कई हज़ार लोग नागपुर पहुंचे और नागपुर की मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। ये लोग नागपुर में अपनी-अपनी मांगों के पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शनकारी नागपुर पहुंचे, जो महाराष्ट्र के अलग-अलग ज़िलों से यहां आए हैं। खास बात ये है कि इस प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या भी हजारों की तादात में थी। इन्होंने यहां जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एक बार फिर अपनी अलग-अलग मांग सरकार के सामने बताई।

प्रदर्शन कर रहे गोवारी समुदाय की क्या मांगें हैं- 

  • अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।
  • 1950 से पहले के साक्ष्यों को देखते हुए गोंड गोवारियों को अनुसूचित जनजाति का अधिकार दिया जाए।
  • 14 अगस्त 2018 से बाद या पूर्व के महाराष्ट्र में रहने वाले गोंड गोवारी जमात को अनुसूचित जनजाति के सभी लाभ दिए जाएं।
  • सुप्रीम कोर्ट में गोंड गोवारी को सरकार द्वारा दी गयी गलत जानकारी को सरकार सुधार करे।

गोंड गोवारी के समर्थन में उतरी कांग्रेस

बता दें इन मांगो को लेकर 3 गोवारी समाज के लोग नागपुर में पिछले 11 दिनों से नागपुर संविधान चौराहे पर भूख हड़ताल कर रहे हैं। गोंड गोवारी के इस प्रदर्शन को कांग्रेस का भी समर्थन मिला है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले भी प्रदर्शन कर रहे गोंड गोवारी समुदाय के लोगों के बीच पहुंचे हैं और उनकी मांगों को जायज बताया।

मराठा आरक्षण पर मानी महाराष्ट्र सरकार

गौरतलब है कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नवी मुंबई में उनसे मुलाकात करने के बाद 27 जनवरी को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर एक दिन पहले भूख हड़ताल शुरू की थी। शिंदे ने जरांगे से नवी मुंबई के वाशी में मुलाकात की। महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे की विभिन्न मांगों के संबंध में उन्हें एक मसौदा अध्यादेश भेजा था। मनोज जरांगे ने अपना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की और कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं।


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