धीरेंद्र शास्त्री के सामने मुस्लिम परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म, केंद्रीय मंत्री ने करवाया था रामकथा का आयोजन, मंच पर बैठे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से आए परिवार से पूछा, क्या किसी ने तुम्हें मजबूर किया? इस पर परिवार के मुखिया जमील निज़ाम शेख ने जवाब दिया कि वह बचपन से ‘सनातन धर्म’ का पालन करते थे और बजरंग दल के माध्यम से शास्त्री से संपर्क किया था. शेख ने कहा, “मुझ पर किसी ने दबाव नहीं डाला.” महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का तीन दिवसीय कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू धर्म को अपनाया। अहमदनगर के जमीर निजाम शेख के परिवार ने बाबा बागेश्वर से दीक्षा लेकर हिंदू धर्म में प्रवेश किया। मध्य प्रदेश स्थित बागेश्वर धाम पीठ के प्रमुख शास्त्री ने बुधवार को मंच से घोषणा की कि कथा सुनने के बाद मुस्लिम धर्म का पालन करने वाले 10 लोग सनातनी हो गए। अहमदनगर जिले के रहने वाले परिवार से बागेश्वर बाबा ने पूछा कि किसी ने दबाव तो नहीं बनाया? इस पर परिवार के मुखिया जमीर निजाम शेख ने कहा कि वह बचपन से सनातन धर्म का पालन कर रहे हैं और बजरंग दल के अध्यक्ष के माध्यम से शास्त्री जी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि मुझ पर किसी ने कोई दबाव नहीं बनाया। जमीर शेख ने कहा कि उनका परिवार लंबे समय से भगवान राम और कृष्ण की पूजा करता था और गणेश उत्सव भी मनाता था। जमीर शेख ने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म में अपनी आस्था के कारण धर्म बदला है। इतना ही नहीं, जमीर शेख ने कहा कि उनकी दोनों बेटियों की शादी भी हिंदू धर्म में हुई है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम का वीडियो सबसे पहले मोबाइल पर आया और हमारे अंदर की रूढ़िवादिता को जगाया। उसके बाद बजरंग दल के पदाधिकारियों की मदद से वह यहां पहुंचे हैं और फिर से हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है। बजरंग दल अध्यक्ष कुणाल भंडारी ने कहा कि सभी लोगों ने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया है। इन्होंने कई दिन पहले हिंदू धर्म में प्रवेश करने की इच्छा व्यक्त की थी, इसलिए मैं छह से सात महीने तक उनके साथ रहा और उनकी इच्छाओं के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की और अंत में उन्हें प्रवेश के लिए धीरेंद्र शास्त्री के पास ले गया। Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window) Related Post navigation दिवाली के दिन जलाएं मिट्टी के दीये, दीप जलाने से खुश होती है मां लक्ष्मी, बनी रहती है उनकी कृपा आखिर चौराहे पर ही क्यों किए जाते हैं जादू-टोना, जानें शास्त्रीय नियम