बिहार में जारी सियासी उठापटक के बीच रविवार को सियासी गलियारे में एक बड़ी खबर फैल गयी. खबर ये फैली कि जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. संतोष मांझी नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं औऱ उन्हें आईटी के साथ साथ अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग दिया गया है. पहले ही जीतन राम मांझी दो मंत्री पद की मांग रख कर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. उनके बेटे के इस्तीफे की खबर फैली तो सनसनी मच गयी।

संतोष मांझी की सफाई

अपने इस्तीफे की खबर फैलने के बाद मंत्री संतोष कुमार सुमन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सफाई दी है. मंत्री संतोष सुमन ने लिखा है “मित्रों नमस्कार, मेरे इस्तीफे की खबर फैलाई जा रही है, जो बिल्कुल निराधार है. मैं एनडीए के साथ था, हूँ और रहूँगा. किसी की बातों में आने की आवश्यकता नहीं है. लोभ, लालच, प्रलोभन की राजनीति को मैं चिमटे से भी नहीं छू सकता. मुझे सत्ता से ज्यादा बिहार की परवाह है. आपका आशीर्वाद काफ़ी है. कुर्सी तो आनी जानी है.”

बता दें कि बिहार में नयी सरकार बनने के बाद राजनीति शांत होती दिख रही थी लेकिन अचानक से सियासत फिर से गर्म हो गयी है. कांग्रेस ने आज ही अपने सारे विधायकों को हैदराबाद के रिजोर्ट में कैद कर दिया है. कांग्रेस को डर है कि उसके विधायक टूट सकते हैं. लिहाजा सारे विधायकों को शनिवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मीटिंग के लिए दिल्ली बुलाया गया और फिर वहां से 16 विधायकों को चार्टर प्लेन से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद भेज दिया गया है।

इस बीच संतोष मांझी के इस्तीफे की खबर से सनसनी फैल गयी. दरअसल संतोष सुमन के पिता और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. जीतन राम मांझी ने कहा था कि उनकी पार्टी को राजद से मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर था लेकिन वे नहीं गये. ऐसे में एनडीए सरकार में उन्हें मंत्री के दो पद मिलने चाहिये. जीतन राम मांझी ने कहा था कि एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद दिया जा सकता है तो चार विधायक और एक एमएलसी वाली हम पार्टी को दो मंत्री पद क्यों नहीं दिया जा सकता है।