बिहार में नई सरकार बनने के बाद आज यानी बुधवार को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है। 12 जनवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले दिल्ली में होने वाली ये मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है। इससे पहले पिछले साल सितंबर में जी-20 सम्मेलन के दौरान नीतीश की पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी।

वहीं, इस मुलाकात को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) के महासचिव केसी त्यागी ने कहा है क, यह एक शिष्टाचार मुलाकात है। उहोंने 27 फरवरी को होने वाले संसद के ऊपरी सदन के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, जहां तक राज्यसभा चुनावों का सवाल है, अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। जेडीयू के एक नेता ने कहा कि नीतीश कुमार दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे। इससे पहले सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।

मालूम हो कि, बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। चुनाव के लिए अधिसूचना गुरुवार को जारी होने की संभावना है। बिहार विधानसभा में संख्या के अनुसार, बीजेपी और आरजेडी दो-दो सीटें और जेडीयू एक सीट जीतेगी। किसी भी अन्य पार्टी के पास अपने दम पर छठी सीट जीतने के लिए संख्या नहीं है।

हालांकि, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पास संयुक्त उम्मीदवार होने की स्थिति में संख्या है। खाली होने वाली छह सीटों में से दो जेडीयू के पास हैं, जिन पर पूर्व अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कब्जा है। दो आरजेडी के पास हैं, जिन पर मनोज कुमार झा और मीसा भारती का कब्जा है।एक बीजेपी के पास है और एक कांग्रेस के पास, जो उसकी राज्य इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पास है।

बिहार में एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए 35 विधायकों के वोट की आवश्यकता होती है। बीजेपी के पास 78 सीटें और जेडीयू के पास 45 सीटें हैं। विधानसभा में एनडीए के पास 128 सदस्यों का समर्थन है, लेकिन चार उम्मीदवारों के लिए उसे 140 सदस्यों की आवश्यकता होगी। विधानसभा में अकेले आरजेडी के पास 79 वोट हैं, जो दो सीटों की गारंटी देता है। महागठबंधन के पास अपने तीसरे उम्मीदवार के लिए 115 वोट हैं। उसे सिर्फ 105 की जरूरत है। हालांकि, सिर्फ 19 सीटों वाली कांग्रेस को अपनी सीट बरकरार रखने के लिए गठबंधन सहयोगियों के समर्थन की जरूरत है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.