लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का मंसूबा रखे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए अपनी पहल पर विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया बना दिया है. हालांकि इंडिया बन जाने के बाद भी अभी तक लोकसभा सीटों के बंटवारे का पेंच नहीं सुलझा है. इस बीच, इंडिया के सबसे बड़े घटक दल कांग्रेस की एक मांग ने नीतीश कुमार के साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव की टेंशन बढ़ा दी है. लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने 29 और 30 दिसम्बर को दिल्ली में बैठक की. इसमें बिहार को लेकर सबसे मुख्य मंथन हुआ जहाँ लोकसभा की 40 सीटें हैं।

कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. हालांकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट किशनगंज में जीत मिली थी. साथ ही पार्टी को चुनाव में सिर्फ 7.9 फीसदी वोट मिला था. कांग्रेस चाहती है कि एक बार फिर से वर्ष 2024 में भी पार्टी इतने ही सीटों पर चुनाव लड़े. इसके लिए कांग्रेस की बैठक में चर्चा भी हुई है. बिहार प्रदेश काग्रेस के अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह ने साफ किया है हमने 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है. जैसे पिछले चुनाव में 9 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी उतरे थे इस बार भी उसी योजना के तहत हम उम्मीदवार उतरेंगे. हालांकि अभी सहयोगी दलों के साथ वार्ता के बाद अंतिम निर्णय होगा।

कांग्रेस ने जिन सीटों पर दावा ठोका है उसमें किशनगंज, बेगूसराय, वाल्मीकिनगर, सासाराम, नवादा, औरंगाबाद, कटिहार और सुपौल संसदीय सीट शामिल है. पार्टी ने किशनगंज से मोहम्मद जावेद, बेगूसराय से कन्हैया कुमार या अमिता भूषण, वाल्मीकिनगर से प्रवेश कुमार, सासाराम से मीरा कुमार या उनके बेटे, समस्तीपुर से डॉ अशोक राम, नवादा से डॉ अखिलेश सिंह या अनिल शर्मा, औरंगाबाद से निखिल कुमार, कटिहार से तारिक अनवर और सुपौल से रंजीता रंजन को चुनाव लड़ने की योजना बनाई है।

ऐसे में कांग्रेस के इस दावे से नीतीश कुमार और लालू यादव की टेंशन बढ़ सकती है. बिहार में 40 लोकसभा की सीटें हैं. वर्ष 2019 में जदयू ने 16 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि राजद को किसी सीट भी सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में जहाँ जदयू की कोशिश रहेगी कि वह कम से कम 16 सीटों पर चुनाव में उतरे, वहीं राजद भी इससे कमतर सीटें पर नहीं मान सकती है. अगर यह स्थिति रही तो दोनों दलों को कांग्रेस की 9 सीटों की मांग को पूरा करने में अपनी सीटें छोडनी होगी. इतना ही नहीं वामदलों की ओर से भी 4 से 6 लोकसभा सीटों की मांग की गई है. ऐसे में इंडिया के घटक दलों में बिहार को लेकर बड़ी माथापच्ची होनी तय है. कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के नेतृत्व में 4 जनवरी 2024 से सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा होगी. उस समय बिहार को लेकर सभी दलों की मांगें बेहद महत्वपूर्ण हो जाएंगी।


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