टीपू सुल्तान ने आंग्ल मैसूर जंग में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा था। टीपू सुल्तान की एक निजी तलवार की नीलामी लंदन में हुई। लेकिन दुर्भाग्य से उस तलवार का कोई खरीदार ही नहीं मिला। ये तलवार लंदन की क्रिस्टी की नीलामी में बेचने के​ लिए रखी गई थी। जो बेस प्राइज रखी थी नीलामी के लिए, वो भी इस तलवार को हासिल नहीं हो पाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस तलवार को पूर्व ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड कार्निवालिस को गिफ्ट में दिया गया था।

15 से 20 करोड़ रुपए रखी गई थी अनुमानित कीमत

टीपू सुल्तान की तलवार की अनुमानित कीमत 15 करोड़ से 20 करोड़ रुपए रखी गई थी। ऊंची कीमत होने की वजह से तलवार की बोली नहीं लग सकी है। इस तलवार को मिडिल ईस्ट के एक म्यूजियम द्वारा खरीदे जाने की उम्मीद थी, लेकिन इसकी रिजर्व बोली नहीं लगाई जा सकी। टीपू सुल्तान की हार के बाद 1799 में उनकी निजी कवच की दोनों तलवारें गिफ्ट की गई थीं। इनमें एक तलवार चार्ल्स मार्क्वेस प्रथम और दूसरी तलवार अर्ल कॉर्नवालिस को दी गई थी। कॉर्नवालिस को 1786 में ब्रिटिश भारत का गवर्नर जनरल और कमांडर इन चीफ बनाया गया था। उन्होंने तीसरे एंग्लो-मैसूर युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना का नेतृत्व किया था।

क्यों नहीं मिला कोई खरीदार?

रिपोर्ट्स के अनुसार ये तलवार टीपू सुल्तान के बेडरूम में रखी हुई थी।पहली तलवार इसी साल 23 मई को 141 करोड़ में बिकी थी। अब कार्निवालिस के परिवार ने अपने आलीशान घर और दो तलवारें बिक्री के लिए रखीं। दूसरी तलवार रत्नजड़ित और मीनाकारी वाली है। कॉर्नवालिस को 1805 में दोबारा भारत में जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन नौकरी के दौरान मुश्किल से दो महीने में उनकी मृत्यु हो गई थी। माना जा रहा है कि हाल के इजरायल-हमास युद्ध और उच्च ब्याज दरों की वजह से ऊंचे दामों पर किसी ने खरीददारी में रुचि नहीं दिखाई। इसलिए नीलामी में बोलियां नहीं लगाई जा सकी हैं।