अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय उद्योग जगत में महिलाओं की बोर्ड में हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। भारतीय कंपनियों के निदेशक मंडल में पिछले पांच सालों के दौरान महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी है। डेलॉयट ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 में कंपनियों के बोर्ड में उनकी हिस्सेदारी 18.3 प्रतिशत थी। डेलॉयट ने ‘निदेशक मंडल में महिलाएं: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य’ टाइटल वाली इस रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा कि यह आंकड़ा वैश्विक औसत 23.3 प्रतिशत से कम है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, डेलॉयट ने अपनी इस रिपोर्ट के लिए 50 देशों की 18,000 से ज्यादा कंपनियों का विश्लेषण किया गया। इसमें भारत की 400 कंपनियां शामिल हैं।

एक आदर्श बदलाव जरूरी

खबर के मुताबिक, डेलॉयट दक्षिण एशिया की चेयरपर्सन शेफाली गोराडिया ने कहा कि निदेशक मंडल की विविधता में एक आदर्श बदलाव जरूरी है। चूंकि कई कंपनियां सीईओ या सीएफओ का अनुभव वालों को बोर्ड में शामिल करना चाहती हैं, इसलिए ये आंकड़े भविष्य के लिए आशावादी नजरिए को नहीं दर्शाते हैं। भारतीय कंपनियों को ऐतिहासिक रुझानों को तोड़ना चाहिए और पिछली भूमिकाओं के मुकाबले क्षमताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। वर्ष 2023 में निदेशक मंडल में 18.3 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि यह आंकड़ा 2018 में 13.8 प्रतिशत और 2021 में 17.1 प्रतिशत था।

महिला लीडर्स की एक मजबूत पाइपलाइन जरूरी

भारत की संख्या वैश्विक औसत 23.3 प्रतिशत से भी कम है। हालांकि यह साल 2022 के मुकाबले इसमें 3.6 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इससे पता चलता है कि भले ही भारत वैश्विक गति की बराबरी कर ले, लेकिन जब तक महिला लीडर्स की एक मजबूत पाइपलाइन विकसित नहीं हो जाती, तब तक बोर्ड पर लैंगिक समानता हासिल करना एक दूर का लक्ष्य बना रहेगा। गोराडिया ने कहा कि प्रशासनिक विशेषज्ञता को रचनात्मक रूप से विकसित करके और नियमित रूप से प्रगति का मूल्यांकन करके, कॉर्पोरेट प्रशासन में उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिभाशाली महिला नेताओं की एक मजबूत पाइपलाइन तैयार की जा सकती है।

क्षेत्रवार महिलाओं की बोर्डरूम में मौजूदगी

भारत में, क्षेत्रीय रुझान बोर्डरूम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए एक आशावादी तस्वीर पेश करते हैं। सर्वेक्षण में जांचे गए सभी क्षेत्रों में 2018 की तुलना में 2023 में बोर्ड पर महिलाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, लाइफ साइंसेस और हेल्थकेयर सेक्टर, कंपनी बोर्ड में 21.3 प्रतिशत महिलाओं के साथ चार्ट में टॉप हैं। इसके बाद टेक्नोलॉजी, मीडिया और टेलीकॉम (20.5 प्रतिशत) हैं। इसके अलावा, 5 प्रतिशत), उपभोक्ता व्यवसाय (19.7 प्रतिशत), विनिर्माण (17.4 प्रतिशत), और वित्तीय सेवाएं (16.9 प्रतिशत) भी इस चार्ट में शामिल हैं।