2024 में लोकसभा का चुनाव होना है इससे पहले कांग्रेस के लिए बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़े संकेत दे दिए हैं. एक तरह से बिहार कांग्रेस के लिए यह अलर्ट है. अगर पीके की बातों में जरा सा भी दम रहा तो बिहार कांग्रेस को चुनाव में नुकसान होना तय है. पदयात्रा पर निकले पीके का शनिवार (26 अगस्त) को इस संबंध में बयान सामने आया है।

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी में शामिल किया गया है. ऐसे में क्या वह बिहार कांग्रेस को मजबूती दे पाएंगे? इस सवाल पर जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब किसको कौन सी जिम्मेदारी कौन सा दल दे रहा है, ये तो दलों की अपनी समझ है. जिस तरह से आरजेडी की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव और जगदानंद बाबू पर है और अब ये पद उन्हें क्यों दिए ये तो आरजेडी वाले ही बता सकते हैं, ठीक उसी तरह कांग्रेस वाले ही बता सकते हैं कि कन्हैया को क्या देखकर ये पद मिला है।

प्रशांत किशोर ने कहा की किसको कौन सी जिम्मेदारी कौन सा दल दे रहा है, ये तो दलों की अपनी समझ है. आरजेडी की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह पर है. उसी तरह कांग्रेस बिहार में क्या करना चाहती है, ये तो कांग्रेस वाले ही बताएंगे कि क्यों उनको जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस पर अगर बिहार के बारे में टिप्प्णी चाहते हैं तो हमको तो ना कहीं कांग्रेस दिखी, ना कांग्रेस का झंडा दिखा, ना कार्यकर्ता दिखा और ना ही कार्यक्रम दिखा लेकिन वह बहुत बड़ी पार्टी है, अगर वो चाहें कि कुछ करें तो बहुत अच्छा है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है तो मैं बिहार में हूं और इसी राज्य में पदयात्रा कर रहा हूं. कांग्रेस की अगर बात करूं तो बिहार में कांग्रेस कहीं गांव-देहात में नहीं दिखी. मैं पिछले 11 महीने से पदयात्रा कर रहा हूं. मुझे न कहीं कांग्रेस दिखी, न कांग्रेस का झंडा दिखा. न ही कोई कार्यकर्ता दिखा और न ही कोई कार्यक्रम दिखा. इसके बावजूद कांग्रेस बहुत बड़ी पार्टी है. अगर बिहार में कोई प्रयास कर रही है तो अच्छा है।


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