Filmmaker Siddique: मशहूर फिल्ममेकर को पड़ा दिल का दौरा, हालत नाजुक

मलयालम फिल्मों के जाने-माने निर्देशक सिद्दीकी को दिल का दौरा पड़ा है। सिद्दीकी 69 साल के हैं और बीते दिन यानी सोमवार को उन्हें दिन का दौरा पड़ा, जिससे उनकी हालत गंभीर है।

सिद्दीकी कोच्चि के एक निजी अस्पताल में ईसीएमओ (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) सपोर्ट पर हैं। इस खबर से उनके फैंस भी परेशान हो गए हैं और ठीक होने की दुआ कर रहे हैं।

Filmmaker Siddique को पड़ा दिल का दौरा

रिपोर्ट्स की मानें तो सिद्दीकी निमोनिया और लीवर की बीमारी से पीड़ित है और इसी के कारण उनका इलाज चल रहा है। वहीं, इसी के बीच अब फिल्ममेकर को दिल का दौरा आया है और अब उनका इलाज जारी है। वहीं, अभी उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक, उनका इलाज किया जा रहा है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।

1983 में फिल्म उद्योग में की थी एंट्री

बता दें कि साल 1983 में सिद्दीकी ने अनुभवी निर्देशक फाजिल के सहायक निर्देशक के रूप में अपने दोस्त लाल के साथ मलयालम फिल्म उद्योग में प्रवेश किया था। इस जोड़ी ने मलयालम में कुछ सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं, जिनमें रामजी राव स्पीकिंग, इन हरिहर नगर, गॉडफादर और वियतनाम कॉलोनी शामिल हैं। साथ ही उन्होंने तमिल, तेलुगु और हिंदी में भी फिल्में निर्देशित की हैं।

अदाकारी से भी फैंस का दिल जीत लेते हैं सिद्दीकी 

इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने सलमान खान की फिल्म बॉडीगार्ड का भी निर्देशन किया था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। साथ ही फिल्म ने 148.86 का कलेक्शन किया। वहीं, सिद्दीकी कमान के अदाकार भी है और डायरेक्शन के अलावा उन्होंने अपनी अदाकारी से भी फैंस के दिलों में जगह बनाई है। साल 2022 में वह फिल्म केनकेमम में स्पेशल अपीरियंस में अहम रोल में थे। वहीं, अब उनकी हालत गंभीर है और फैंस उनकी सलामती की दुआ मांग रहे हैं।

ब्रेस्ट कैंसर से जिंदगी की जंग हार गई मशहूर अभिनेत्री, 42 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

तमिल फिल्म इंडस्ट्री से एक बार फिर दुखद खबर आ रही है। हाल ही में तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गदर का निधन हुआ है और इससे पूरी इंटस्ट्री में शोक की लहर है। वहीं, अब खबर आ रही है कि तमिल अभिनेत्री सिंधु ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया है।

दरअसल, बीते कुछ समय से एक्ट्रेस ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी और उनका इलाज चल रहा था। लेकिन 7 अगस्त को वो जिंदगी की जंग हार गई और 42 साल की उम्न में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

Tamil Actress Sindhu ने दुनिया को कहा अलविदा

तमिल रोमांटिक-ड्रामा ‘अंगड़ी थेरु’ में अपनी भूमिका के लिए लोकप्रिय रहीं सिंधु हर किसी के दिन पर राज करती थीं। वहीं, उनके निधन से हर कोई दुखी है और शोक जाहिर कर रहा है। बता दें कि साल 2020 में एक्ट्रेस को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चला था। इसके बाद वो अपना इलाज करवा रही थी। रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि इस बीमारी से लड़ने के लिए एक्ट्रेस ने फाइनेंशियल मदद भी मांगी थी। हालांकि इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया था।

इन्होंने की थी एक्ट्रेस की मदद

इतना ही नहीं बल्कि एक्ट्रेस की मदद के लिए कई हाथ आगे आए और कार्ति, इसारी, सतीश कुमार और कई अन्य साउथ अभिनेताओं ने सिंधु को मदद की। रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि सोमवार को 2 बजे एक्ट्रेस का निधन हुआ है। इसकी जानकारी अभिनेता कोट्टाची ने सोशल मीडिया के जरिए साझा की है। वहीं, एक्ट्रेस के निधन से उनके फैंस दुखी है। साथ ही अब सभी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

बाल कलाकार के रूप में की थी करियर की शुरूआत

बता दें कि सिंधु ने एक बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। महज 14 साल की उम्र में सिंधु की शादी भी हो गई थी और उनका जीवन गरीबी में गुजरा। रिपोर्ट्स की मानें तो अपने पति के बुरे बर्ताव के चलते शादी एक्ट्रेस को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं बल्कि एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो इस दर्द और पीड़ा के साथ नहीं जी सकती है।

क्या सिर्फ भारतीय पिचों पर चलता है शुभमन गिल और सूर्यकुमार का बल्ला? आंकड़े से टीम इंडिया को टेंशन

वेस्टइंडीज के दौरे पर गई टीम इंडिया टेस्ट सीरीज के बाद स्ट्रगल कर रही है। टी20 सीरीज के पहले दोनों मैच में हार मिली है। हार की सबसे बड़ी वजह खराब बल्लेबाजी है। स्टार खिलाड़ी के बल्ले से रन नहीं निकल रहे। खासकर शुभमन गिल और सूर्याकुमार ने फैंस को निराश किया है। इन दो बल्लेबाजों से टीम का काफी उम्मीदें थी। लेकिन वेस्टइंडीज में इनशुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव विदेशी पिचों पर स्ट्रगल कर रहे हैं। वेस्टइंडीज में खेल रहे गिल और उससे पहले भारतीय पिचों पर खेल रहे गिल में जमीन-आसमान का फर्क है। की बल्लेबाजी देखकर ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या दोनों सिर्फ भारतीय पिचों के सितारे हैं।

विदेशी पिचों पर नहीं चले गिल 

वेस्टइंडीज में खेल रहे गिल और उससे पहले भारतीय पिचों पर खेल रहे गिल में जमीन-आसमान का फर्क है। भारत में गिल ने बल्ले से आग लगा दिया। IPL 2023 में इतने रन मार दिए थे कि आयोजकों को ऑरेंज कैंप गिफ्ट करना पड़ गया था। गिल ने IPL 2023 के 17 मैचों में 59.33 की औसत और 157.80 की स्ट्राइक रेट के साथ 890 रन जड़े थे, जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 129 रन का था। भारत में खेले गए इंटरनेशल मैचों में गिल ने कई यादगार पारी खेली। लेकिन विदेश में उनसे रन नहीं बन रहे। इंग्लैंड में खेली WTC Final की दोनों पारियों में 13 और 18 रन बनाए। वेस्टइंडीज में खेली टेस्ट सीरीज की 3 पारियों में 6, 10 और नाबाद 29 रन की पारी खेली। वनडे सीरीज में 7, 34 और 85 रन बनाए। वहीं T20 सीरीज के पहले दो मैचों में उन्होंने 3 और 7 रन बनाए।

सूर्यकुमार कर रहे स्ट्रगल

सूर्यकुमार यादव भी विदेशी पिचों पर स्ट्रगल कर रहे हैं। सूर्यकुमार बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे थे। सूर्यकुमार ने तीन वनडे मैचों में सिर्फ 78 रन बनाए हैं। वहीं टी20 में भी पहले दो मैचों में नाकम रहे हैं। एशिया कप और इसके बाद वर्ल्ड के पहले शुभमन गिल और सूर्याकुमार यादव को फॉर्म में लौटना होगा। ये दोनों प्लेयर वर्ल्ड की लिहाज से टीम इंडिया के लिए काफी अहम हैं।

भारतीय पिचों पर वनडे इंटरनेशनल में दोनों का रिकॉर्ड

सूर्युकमार यादव- 10 मैच, 153 रन, 19.12 एवरेज

शुभमन गिल- 12 मैच, 704 रन, 64.00 एवरेज

भारतीय पिचों पर दोनों का T20I में रिकॉर्ड

सूर्युकमार यादव- 21 मैच, 760 रन, 47.50 एवरेज

शुभमन गिल- 6 मैच, 202 रन, 40.40 एवरेज

नीतीश कैबिनेट में 9 एजेंडों पर लगी मुहर, बिहार संग्रहालय से जुड़ेगा पटना म्यूजियम.. खर्च होंगे इतने करोड़

नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में चल रही मीटिंग खत्महो चुकी है. बिहार कैबिनेट की बैठक में 9 एजेंडों पर मुहर लगी. सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे यह मीटिंग शुरू हुई थी. शिक्षा, औद्योगिक क्षेत्र से लेकर मजदूरों के हित में भी कई फैसले लिए गए. साथ ही, बैठक में बिहार म्यूजियम को सब-वे द्वारा पटना म्यूजियम से जोड़ने की योजना के रिवाइज्ड एस्टिमेट को स्वीकृति दी गई।

नीतीश कैबिनेट में वित्तीय वर्ष 2023-24 मई औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए 409.33 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. वहीं बिहार संग्रहालय से पटना संग्रहालय को जोड़ने वाले सब-वे निर्माण योजना के पुनरीक्षित प्राक्कलन के लिए पांच सौ बयालीस करोड़ की स्वीकृति मिली है।

वहीं नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना योजना अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान राघोपुर एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गरखा की स्थापना के लिए 86 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई. इसके लिए 4 करोड़ 68 लाख 61000 की राशि स्वीकृत की गई है. वहीं बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना नियमावली 2008 के नियम में संशोधन बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना नियमावली 2023 को लागू करने के संबंध में स्वीकृति मिली है।

साथ ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत सामाजिक जागरुकता एवं संस्थागत विकास घटक को क्रियान्वयन के लिए जीविका को हस्तांतरित करने से संबंधित समझौता ज्ञापन प्रारूप की स्वीकृति दी गई है।

हाजीपुर वैशाली में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली 2016 के नियम के आलोक में 13000 एमटीपीए क्षमता के कुरकुरे और पोटैटो चिप्स उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए 38 करोड़ 61 लाख 73 हजार रुपये की पूंजी निवेश की स्वीकृति, इकाई की स्थापना होने से 265 कुशल एवं कुशल कामगारों का नियोजन हो सकेगा।

मेजर्स दादी जी स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड पटना को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली 2016 के नियम 7 के आलोक में 16800 एमटीपीए क्षमता का चिप्स स्नेक्स और नमकीन उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए 66 करोड़ 99 लाख 15000 रुपए की निवेश की स्वीकृति है. इकाई की स्थापना से 472 कुशल एवं कुशल कामगारों का नियोजन हो सकेगा।

 

शेखपुरा में बदमाशों का तांडव, लाठी-डंडे से पीटकर मां-बेटी को किया अधमरा

शेखपुरा में बदमाशों का तांडव देखने को मिल रहा है. यहां कसार थाना क्षेत्र के पथलौटीया गांव में घर में घुसकर मां और पुत्री को बेरहमी से पीटाई का मामला सामने आया है. वारदात में 35 वर्षीय पूनम देवी और 17 वर्षीय संजना कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं, जिसको आनन-फानन में इलाज के लिए शेखपुरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि मां-बेटी को बड़ी बेरहमी के साथ लाठी-डंडे से जमकर पीटा गया है।

घायल महिला पूनम देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 महीने पहले केदार यादव के पुत्र की शादी करिहो गांव में तय हुई थी और पूनम देवी का पुत्र का भी ससुराल करिहो गांव ही है. उसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चलता रहा. पूनम देवी ने कहा कि आज सुबह में मेरी पुत्री संजना कुमारी घर में झाड़ू लगा रहे थे तभी केदार यादव और उसकी पत्नी रंजू देवी हमारे घर आ गए. इस दौरान बातचीत करते हुए झगड़ा करने लगे. इस दौरान दोनों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया और मेरी बेटी के साथ जमकर मारपीट की।

उन्होंने बताया कि बेटी के साथ मारपीट में बीच-बचाव करने के दौरान उनसे भी मारपीट की गई. उन्हें भी लाठी-डंडे से बेरहमी से पीटा गया. इस घटना में मां और पुत्री दोनों गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसको आनन-फानन में इलाज के लिए शेखपुरा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सकों के द्वारा इलाज किया जा रहा है।

नालंदा में गोली मारकर युवक की हत्या, दोस्त के साथ जाता था रात में घूमने

नालंदा: बिहार थाना इलाके के अंबेर टीकुलीपर मोहल्ला अंतर्गत बिहार क्लब परिसर में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. युवक की पहचान रामप्रवेश यादव के 30 वर्षीय पुत्र कुंदन यादव के रूप में की गई है. हत्या की सूचना मिलने पर बिहार थाना प्रभारी समेत मौके पर भारी संख्या में पुलिस पहुंची. युवक की हत्या किस कारण की गई है यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।

जिला समाहरणालय परिसर से दो सौ मीटर की दूरी पर यह घटना हुई है. परिजनों का कहना है कि कुंदन हर दिन दोस्त के साथ घूमने जाता था. दोस्त के साथ घूमकर दस बजे रात तक घर लौट जाता था लेकिन सोमवार को कुंदन नहीं लौटा. कुछ देर बाद गोली की आवाज हुई तब लोगों ने जाकर बिहार क्लब में देखा कि कुंदन का शव पड़ा हुआ है. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है।

इस पूरे मामले में बिहार थाना में तैनात दारोगा संजीव कुमार का कहना है कि मृतक युवक नशेड़ी था. इसके शव के पास से एक हथियार और नशीला पदार्थ बरामद हुआ है. पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया है. यह मामला आत्महत्या का लग रहा है क्योंकि एक कट्टा मौके से मिला है. फिलहाल मामला जो भी हो, आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।

चेन्नई में होगा महामुकाबला, सेमीफाइनल में भी हो सकती है भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक संबंध कुछ खास अच्छे नहीं हैं। वहीं जब खेल के मैदान पर यह दोनों टीमें उतरती हैं तो उस वक्त मुकाबला हाईवोल्टेज हो जाता है। इसलिए जहां भी भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत होती है उसे महामुकाबले का नाम दिया जाता है। फिर वो मैदान किसी भी खेल का क्यों ना हो। इस साल एशिया कप और वनडे वर्ल्ड कप में जहां भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों की भिड़ंत होने वाली है। तो एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी में हॉकी फील्ड पर भी बुधवार 9 अगस्त को इन दोनों टीमों के बीच घमासान देखने को मिलेगा।

टीम इंडिया का सेमीफाइनल का टिकट पक्का

इस मुकाबले से पहले ही टीम इंडिया सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है। वहीं पाकिस्तान को अंतिम-4 में जाने के लिए हर हाल में यह मैच जीतना होगा। वरना उसे चीन के खिलाफ जापान की हार की दुआ करनी होगी। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के शुरुआती चार मैचों में से तीन में जीत दर्ज करते हुए अंतिम 4 में जगह बना ली है। वहीं एक मैच टीम इंडिया का जापान के खिलाफ ड्रॉ पर समाप्त हुआ। टीम इंडिया 6 टीमों वाले इस टूर्नामेंट के पॉइंट्स टेबल में 10 अंकों के साथ टॉप पर है। वहीं पाकिस्तान की टीम 4 में से एक जीत, एक हार और दो ड्रॉ के साथ 5 अंक लेकर चौथे स्थान पर है।

कैसे भारत-पाकिस्तान के बीच हो सकता है सेमीफाइनल?

भारत और पाकिस्तान के बीच लीग स्टेज का आखिरी मुकाबला 9 अगस्त 2023 को चेन्नई के मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में खेला जाएगा। इसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार रात 8.30 बजे से होगी। इस मैच से पहले टीम इंडिया का कॉन्फिडेंस आसमान छू रहा है। वहीं पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो की जंग है। क्योंकि जापान का आखिरी मुकाबला कमजोर चीन से है और वह वहां जीत के साथ बेहतरीन अंतर बनाकर चौथे स्थान पर जा सकती है। ऐसे में अगर 11 अगस्त को सेमीफाइनल में भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत के समीकरण देखें तो पाकिस्तान को हर हाल में भारत को हराना होगा, या फिर जापान की हार की दुआ करनी होगी। जापान का स्कोर अभी तक पॉइंट्स टेबल में 2 ही है और उसने दो मैच हारे हैं और दो में उसे ड्रॉ से संतोष करना पड़ा है।

इस महामुकाबले को लेकर पाकिस्तान के कोच मोहम्मद सकलेन ने बेबाक बयान दिया था। उनका कहना था कि, हरमनप्रीत सिंह और अन्य सेंटर फॉरवर्ड दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हैं। हम उनके कमजोर पक्षों से भी वाकिफ हैं लेकिन हमें उनके खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। हमें एक दिन का विश्राम मिलेगा और हम मैच से पहले उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उन्होंने मलेशिया के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन किया वह प्रत्येक टीम के लिए एक चेतावनी है। हमारी टीम भले ही युवा है लेकिन वह दबाव से निपटने में सक्षम है। गौरतलब है कि मलेशिया की मजबूत टीम को भारत ने 5-0 से हराया था।

दुनिया का नया ‘बादशाह’ बनना चाहता है सऊदी अरब!, जानिए क्यों यूक्रेन शांति वार्ता में दिखाई दिलचस्पी

रूस और यूक्रेन की जंग का हल निकालने के लिए सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन 5 और 6 अगस्त को किया गया। भारत ने भी इसमें हिस्सा लिया। सऊदी अरब में हुए इस शांति सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी हिस्सा लिया और 10 सूत्रीय शांति फॉर्मूला रखा, जिस पर विचार विमर्श हुआ।  सवाल यह है कि आखिर दुनिया के बड़े मसलों पर सऊदी अरब अचानक क्यों इतनी दिलचस्पी लेने लगा? सुन्नी देश सऊदी अरब क्यों वैश्विक घटनाक्रमों में अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है? क्यों रूस और चीन जैसे देशों के साथ उसके ताल्लुकात इतने गहरे होते जा रहे हैं? अमेरिका का करीबी रहा सऊदी अरब अब क्यों और किस वजह से अमेरिका से दूर दूसरी ‘लॉबी’ में अपनी सक्रियता दिखा रहा है। सऊदी अरब के मुखिया मोहम्मद बिन सलमान क्यों दुनिया के नए ‘बादशाह’ बनना चाहते हैं? यहां जानिए ऐसे ही सभी सवालों के जवाब।

सऊदी अरब ने दो दिन की यूक्रेन शांति वार्ता आयोजित कर दुनिया को यह संकेत दिया कि वह अब सिर्फ ‘तेल’ बेचने वाला कारोबारी ही नहीं है,  बल्कि वैश्विक घटनाक्रमों में सक्रियता बढ़ाकर अपने ‘नए इरादे’ दुनिया को दिखा रहा है। सऊदी अरब पर हाल ही में यूक्रेन और रूस की जंग के कारण विपरीत असर पड़ा है। उससे तेल खरीदने वाले परंपरागत ग्राहक अब रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं। इन सबके बीच अब बदलती दुनिया में जब इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, सऊदी अरब अब अपने देश को पूरी तरह से बदला चाहता है। एक तेल उत्पादक देश होने के साथ ही वह अपने देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बदल रहा है। ऐसा करके वह यह जताना चाहता है कि अब वह टूरिज्म इंडस्ट्री में तेजी से अपने आपको ‘शिफ्ट’ कर रहा है। ताकि दूसरे माध्यमों से भी अरब को तगड़ी आया भविष्य में हो सके। वह तेजी से इस दिशा में वह काम कर रहा है। इसके लिए उसे नए दोस्तों की जरूरत है, जो उसके इस सपने को साकार करने में अपना सहयोग दे सकें।

बदलते सऊदी अरब को लेकर क्या कह रहे विदेशी मामलों के विशेषज्ञ?

विदेश मामलों के जानकार और विदेश से जुड़े मुद्दों पर कई पुस्तकें लिख चुके लेखक रहीस सिंह ने इंडिया ​टीवी डिजिटल को बताया कि सऊदी अरब के बादशाह मोहम्मद बिन सलमान, अपने देश को रिफॉर्म करना चाहते हैं। वे जानते हैं कि सऊदी अरब का भविष्य चूंकि केवल ‘तेल’ बेचने से उज्जवल नहीं होगा, इसलिए वे इंफ्रास्ट्रक्चर बदलना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें ऐसे देशों की जरूरत है जो इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम कर रहे हैं, उसमें सबसे आगे चीन है। इसलिए अरब को अब चीन और रूस की ‘लॉबी’ का साथ मिलना जरूरी है।

रूस और चीन के करीब क्यों जा रहा अरब?

चीन ने दुनिया के सबसे बड़े सुन्नी देश सऊदी अरब और शिया देश ईरान को दोस्त बना दिया। उनके बीच सुलह कराई। यह इस बात को दर्शाती है कि अगर ईरान और अरब एक साथ बैठ सकते हैं तो जाहिर सी बात है कि खाड़ी क्षेत्र में ईरान अरब के बीच डिप्लोमटिक गलियारा हो गया। जो बड़े मैसेज दे रहा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि सऊदी अरब को अब साधने में अमेरिका या पश्चिमी लॉबी असफल रही। रूस चीन लाबी सफल रही।

जानिए अमेरिका से क्यों दूर होता जा रहा सऊदी अरब?

रहीस सिंह बताते हैं कि पहले, जो अमेरिकी खेमे में जाता था, अमेरिका उसे आगे ले जाता था। वैश्विक डिप्लोमेसी में उसे अमेरिका का दोस्त और पार्टनर होने का काफी लाभ मिलता था। यह सबकुछ चला, पिछले दशक तक या कहें राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल तक। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को अमेरिका ने फॉलो किया। इस कारण उसके खेमे से सउदी अरब जैसे देश छिटकने लगे। सऊदी अरब भी अब पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहता। इसी का फायदा रूस और चीन की लॉबी ने उठाया। अब चीन और रूस मिलकर अरब को यह मैसेज देना चाहते हैं कि हम ‘नई आइडेंटिटी’ के साथ आपको आगे ले जाएंगे।

विश्व में ‘जियो इकोनॉमिक्स’ ने ले ली ‘जियो पॉलिटिक्स’ की जगह 

सऊदी अरब जो तेजी से अपने देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बदल रहा है, उसे नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है। यह टेक्नोलॉजी चीन दे सकता है। बदले में चीन को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और डेवलप करने के लिए धनराशि की जरूरत है, वो धनराशि सऊदी अरब से मिल सकती है। यही नहीं, चीन मिडिल ईस्ट तक कारोबार को सुगम बनाने के लिए बेल्ट एंड रोड ​इनिशिएटिव के तहत अरब देशों में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहता है, इसमें सबसे बड़ा योगदान सऊदी अरब दे सकता है। इस कारण अब चीन और सऊदी अरब के बीच भागीदारी और साझेदारी बढ़ रही है। इस तरह विश्व में अब ‘जियो पॉलिटिक्स’ की जगह ‘जियो इकोनॉमिक्स’ ने ले ली है।

लड़ाई सिर्फ यूक्रेन की नहीं, पश्चिमी देश और रूस में है असल जंग

रूस और यूक्रेन की जंग केवल इन दोनों देशों की नहीं है। बल्कि ये टकराव पश्चिमी लॉबी और रूस का है। पश्चिमी लॉबी यानी नाटो देश और बचे हुए यूरोपीय देश। वहीं रूस की लॉबी में रूस, चीन, उत्तरी कोरिया और अब कुछ हद तक कहें तो सऊदी अरब।

अरब के जेद्दा में हुई शांति वार्ता सफल? समझिए समीकरण

इस जंग में असल में यूक्रेन सिर्फ बैटल ग्राउंड है। उसके पीछे की मंशा कुछ अलग है। रहीस सिंह कहते हैं कि पश्चिमी लॉबी रूस को कमजोर करना चाहती है, क्योंकि रूस और चीन मिलकर पश्चिमी देशों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। इसी लिए जो जर्मनी और फ्रांस यूरोपीय यूनियन में नाटो का विरोध करते थे, वे नाटो की वकालत कर रहे हैं। पश्चिमी देश यह जानते हैं कि अगर शांति वार्ता हो गई, यूक्रेन यदि रूस से फ्रेंडशिप करने लगा, तो पश्चिमी दुनिया के देश खतरे में पड़ जाएंगे। हालांकि सच ये भी है कि रूस औश्र यूक्रेन की इकोनॉमी डैमेज हो चुकी हैं। विकासशील देशों पर अनाज और खाने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में शांति वार्ता सऊदी अरब का एक सफल प्रयास है। इस शांति वार्ता से सऊदी अरब ने वैश्विक डिप्लोमेसी में अपने ‘नंबर’ बढ़वा लिए हैं, इसमें कोई शक नहीं है।

Memes की दुनिया के बेताज बादशाह Xavier Uncle को जानते हैं आप? अगर नहीं तो आज जानें; पढ़े पूरी रिपोर्ट

सोशल मीडिया पर मीम्स की एक अलग ही दुनिया है और उस दुनिया पर एक शख्स एकतरफा राज करता है। जिसे हम सब Xavier नाम से जानते हैं। इसकी फोटो तो आप सबके दिमाग में अब तक तो छप चुकी होगी। उसे आप हर मीम्स के कमेंट सेक्शन में देख सकते हैं। ये बंदा हमेशा कुछ न कुछ ऐसा कमेंट कर जाता है कि इसके कमेंट वायरल हो जाते हैं। मीम्स की दुनिया के इस बेताज बादशाह को तो हम शक्ल और उसके निक नेम से तो जानते ही हैं। लेकिन क्या आप इस भाई साहब का नाम असली में जानते हैं और ये भाईसाहब क्या करते हैं? क्या ये बात आप लोगों को पता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस बादशाह के बारे में बता देते हैं।

कौन हैं Xavier Uncle?

अपने मुस्कुराते चेहरे और जबरदस्त सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए मशहूर Xavier Uncle दुनिया भर के मीम्स प्रेमियों के दिलों में जगह बना चुके हैं। अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Xavier Uncle का असली नाम पकालू पपिटो है। पकालू पपिटो के सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर ये दावा किया गया है कि वह मिनियापोलिस, मिनेसोटा में एक आईटी फर्म में काम करते हैं। साथ में ये भी दावा किया गया है कि पकालू पपिटो मूल रूप से भारतीय है और वह काफी पहले ही भारत छोड़कर चले गए थे। पाकालू पपिटो का चेहरा एक भारतीय की तरह ही दिखता है और उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर हर जगह उसी तस्वीर को पोस्ट किया गया है। पाकालू पपिटो का जन्म 22 अक्टूबर 1968 को भारत में ही हुआ था।

क्या सच में Xavier Uncle हैं?

हांलाकि ये कोई असली इंसान है भी या नहीं इस बात को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसे एक फेक पर्सनालिटी बताया गया है जो सिर्फ एक वर्चुअल अकाउंट के अलावा कुछ नहीं है। हो सकता है कि ये कोई पेज हो और इसे कोई अन्य व्यक्ति हैंडल कर रहा हो। या फिर इसके पीछे कोई टीम हो जो सोशल मीडिया पर मजेदार मीम्स और चुटकुले पोस्ट करते रहता है। पाकालू पापिटो की वास्तविक उत्पत्ति, उनके परिवार, एजुकेशनल बैकग्राउंड और उनके  निजी जीवन से संबंधित किसी भी अन्य चीज़ के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है।

ऐसे चर्चा में आए थे Xavier Uncle

साल 2013 में पाकालू पपिटो अपने फनी ट्वीट्स के लिए काफी फेमस हुए थे। उनका पहला ट्वीट, ‘Hello Twitter, I’m single’ काफी फेमस हुआ था। जिसके बाद ट्विटर पर इस शख्स के 7 लाख से ज्यादा और फेसबुक पर 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हो गए थे। लेकिन साल 2018 में  पाकालू का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया और उनकी फेसबुक प्रफाइल डिलीट कर दी गई। फिलहाल पाकालू पपिटो का इंस्टाग्राम अकाउंट है जिस पर उनके 1.2 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

कुछ ऐसे दिखते हैं Xavier Uncle

ऐसा कहा जाता है कि पाकालू पपिटो के दोस्तों ने उनसे शर्त लगाई थी कि उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर 5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स कभी नहीं हो सकते लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये शख्स एक दिन सोशल मीडिया की दुनिया पर राज करेगा। पकालु पापिटो की प्रोफ़ाइल फोटो में वह लगभग 50 साल के एक भारतीय व्यक्ति की तरह दिखते हैं। जिनके काले बाल, भूरी आँखें, घनी मूंछें और सांवला रंग है। पाकालू पपिट एक टिपिकल इंडियन है जो अच्छी तरह से अंग्रेजी नहीं जानता है। पकालु पापिटो 5 फीट 7 इंच (1.73) लंबा है।

खबर वही जो है सही

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