बिहार के भोजपुर के लाल IPS रवि सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए ‘रॉ’ चीफ बनाया है. रवि सिन्हा को सोमवार को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया. छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा वर्तमान में मंत्रिमंडल सचिवालय में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत हैं .छत्तीसगढ़ कैडर के IPS ऑफिसर रवि सिन्हा मौजूदा चीफ सामंत गोयल का स्थान लेंगे और आगामी दो साल तक RAW चीफ के तौर पर सेवाएं देंगे।

एक आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने रवि सिन्हा की दो साल के कार्यकाल के लिए रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. रवि सिन्हा ने सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून 2023 को पूरा हो रहा है. विशेषज्ञों की माने तो रॉ चीफ के तौर पर रवि सिन्हा की नियुक्ति बेहद खास है क्योंकि चीन के साथ LAC पर तनाव के बीच खुफिया तंत्र को और मजबूत करना बेहद जरूरी है. कहा जाता है कि रवि सिन्हा सफल ऑपरेशंस में काफी माहिर हैं. छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा पिछले 7 सालों से ‘रॉ’ में ऑपरेशनल डिवीजन के हेड के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें सूचनाएं और जानकारियां जुटाने में काफी माहिर माना जाता है।

आईपीएस रवि सिन्हा मूलत: बिहार के भोजपुर जिले से आते हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है. रवि सिन्हा ने 1988 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और इन्हें भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के तौर पर मध्य प्रदेश कैडर मिला. फिर मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो गया. रवि सिन्हा तकनीकी तौर पर छत्तीसगढ़ काडर में चले गये, लेकिन छत्तीसगढ़ की स्थापना के महज कुछ महीनों के अंदर ही वो रॉ के अधिकारी के तौर पर दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आ गये।

बता दें कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की स्थापना 21 सितंबर 1968 में की गई थी. इसका मुख्य काम विदेशी खुफिया जानकारी, आतंकवाद का मुकाबला, प्रसार-विरोधी, भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह देना और भारत के विदेशी सामरिक हितों को आगे बढ़ाना है. ऐसे में पीएम मोदी ने रवि सिन्हा को रॉ चीफ बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी है. अपनी पेशेवर क्षमता के लिए रवि सिन्हा सभी खुफिया समुदाय में व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्ति हैं. रवि सिन्हा को जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवादी क्षेत्रों के अलावा पड़ोस के घटनाक्रमों पर अच्छी पकड़ के लिए जाना जाता है, जहां उन्होंने समय के साथ अलग-अलग बिंदुओं पर काम किया है।


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