पटना : विपक्षी दलों का नया गठबंधन इंडिया की बैठक से पहले संयोजक बनाए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का “हमको कुछ नहीं बनना है” यह बयान सुर्खियों में है . नीतीश के इस बयान पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए सवाल किया है . प्रशांत ने कहा कि विपक्षी एकता के सन्दर्भ में बात की जाए तो नीतीश की हालत इतनी खराब है , कि अपने राज्य में उनका पैर रखने का ठिकाना नहीं है, तो देश के स्तर पर भला क्या करेंगे?

साथ ही कहा कि इंडिया के दलों की बात करें तो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, उसके बाद तृणमूल, उसके बाद डीएमके है, जो पूरे-पूरे राज्य जीतकर बैठे हैं, साथ ही उनके पास 20-20, 25-25 एमपी हैं. वे अपने राज्यों में जीतने का दावा कर सकते हैं. लेकिन नीतीश कुमार के पास कुछ है ही नहीं, न दल बचा है, न इमेज बचा है. नीतीश को किस आधार पर संयोजक बना दिया जाए. वहीं कहा कि आप कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल में जाकर देखिए कौन नीतीश कुमार की चर्चा कर रहा है।

वहीं आरजेडी पर हमला करते हुए कहा कि इनके पास जीरो एमपी है, वो इतना मजबूत दल है कि ये डिसाइड कर सकते हैं, कि देश कौन चलाएगा . साथ ही कहा कि नीतीश के पास 42 विधायक और 16 एमपी हैं, लेकिन इस बार वो कितनी सीटें लाएंगे ये सबको मालूम है. साथ ही कहा कि नीतीश देश की राजनीति में क्या भूमिका अदा कर सकते हैं. गठबंधन बना देने से इसका मतलब ये थोड़ी है कि वो राष्ट्रीय राजनीति को उलट-पुलट कर देंगे।


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