नीतीश कुमार की वाराणसी रैली रद्द : प्रशांत किशोर का बड़ा हमला, कहा- नीतीश राष्ट्रीय राजनीति में कोई नेता हैं ही नहीं, लोकसभा 2024 में इतनी बुरी तरह से हारेंगे कि जेडीयू पार्टी हो जाएगी खत्म। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यूपी के वाराणसी में लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर होने वाली रैली कैंसिल हो गई है। रैली कैंसिल होने के बाद से बयानबाजी का दौर खूब चल रहा है, क्योंकि जेडीयू के नेता रैली कैंसिल होने को साजिश बता रहे हैं, तो वहीं बीजेपी के नेताओं का बयान है कि नीतीश कुमार को बनारस में वार्ड पार्षद इतना वोट भी नहीं मिलेगा। इन सबके बीच, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के राजनीतिक भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को ये समझ या आंकलन करने की क्षमता ही नहीं है कि अगर आप महागठबंधन के साथ गए हैं और चुनाव हार गए तो आपकी पार्टी ही नहीं बचेगी, तो गठबंधन करिएगा किसके साथ? स्थिति ये हो जाएगी कि लोकसभा चुनाव-2024 में बुरी तरह से हारेंगे और जेडीयू पार्टी खत्म। नीतीश कुमार राजनीति में कोई फैक्टर नही हैं। नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में कोई महत्व के नेता नहीं हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2024 के नजरिए से इतना कह सकता हूं कि एक पार्टी जिसकी सबसे बड़ी हार होगी वो जेडीयू है। इस पार्टी को पांच सीटें भी नहीं आएंगी।

नीतीश कुमार को बीजेपी की नीतियों से नहीं है कोई दिक्कत: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन क्यों बनाया गया था, पहले इसे समझिए। नीतीश कुमार को लोग जितना समझते हैं उससे कम मैं भी नहीं जानता हूं। महागठबंधन बनाने से पहले नीतीश कुमार सबसे पहले मुझसे मिलने दिल्ली आए और मुझे चार घंटे तक समझाया कि महागठबंधन क्यों बनाना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने महागठबंधन सिर्फ इसलिए बनाया था, उनको लालू यादव और तेजस्वी यादव से कोई प्रेम नहीं है और बीजेपी की नीतियों से दिक्कत भी नहीं है। नीतीश कुमार के मन में ये डर था कि लोकसभा 2024 तक वो अगर बीजेपी के साथ बने रहे तो लोकसभा जीतने के बाद बीजेपी वाले मुझे हटा देंगे, क्योंकि बिहार में बड़ी पार्टी तो बीजेपी है। नीतीश कुमार को उस समय ऐसा लग रहा था कि लोकसभा चुनाव-2024 जीतने के बाद बीजेपी वाले अपना मुख्यमंत्री बनाएंगे। ऐसे में बीजेपी ऐसी स्थिति पैदा करती उससे पहले बीजेपी का साथ छोड़कर नीतीश कुमार लालू यादव के साथ चले गए। इस फैसले से नीतीश कुमार कम से कम साल 2025 तक तो मुख्यमंत्री बने रहेंगे।


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