अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस बीच अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इस बाबत एक ट्वीट किया है। ट्वीट कर उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी साझा की है। इसके तहत 18 जनवरी यानी गुरुवार की दोपहर 1.20 बजे राम मंदिर में संकल्प होगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ट्वीट कर लिखा, ’18 जनवरी को इसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी।’
वहीं एक अन्य ट्वीट में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि 19 जनवरी की औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास का आयोजन किया जाएगा। 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का आयोजन किया जाएगा। 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास का आयोजन किया जाएगा। इस ट्वीट में तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080 को आ रहा है। तीर्थ क्षेत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से 21 जनवरी 2024 तक चलेगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने आगे लिखा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्यों की मौजूदगी में किया जाएगा। गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूरा होने के बाद सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अलग-अलग राज्यों से लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मंणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि भेज रहे हैं। उनमें सबसे उल्लेखनीय हैं मां जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार जो जनकपुर और सीतामढ़ी के ननिहाल से आयोध्या लाए गए हैं।
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