बिहार के पूर्णिया सदर थाना क्षेत्र के अब्दुल्ला नगर में आज रविवार को लगभग 30 एकड़ जमीन पर से अतिक्रमण हटाने पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची. जमीन पर रह रहे लोगों के विरोध का सामना पुलिस को करना पड़ा. बुलडोजर के सामने महिलाएं बच्चे लेकर बैठ गयी. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. लगभग 400 की संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद था।

क्या है मामलाः स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग दो पीढ़ी से उनका परिवार इसी जमीन पर रह रहे हैं. जमींदार सकीचानंद दास ने इन लोगों को जमीन रजिस्ट्री की थी. जमीन रजिस्ट्री भी हुआ सरकारी योजना का लाभ भी लोगों को मिल रहा है. अब दूसरा जमींदार अनिरुद्ध कुमार यादव अपनी जमीन होने का दावा कर रहे हैं. कोर्ट से आदेश लेकर चले आए हैं जिसे ले भारी संख्या में पुलिस बल जमीन खाली करवाने के लिए पहुंची है. इन लोग का कहना है कि अगर जमीन विवादित है तो रजिस्ट्री किस आधार पर हुई. सरकारी योजना का लाभ इन्हें क्यों मिल रहा है।

जमीन खाली करवाने के लिए कोर्ट का आदेश मिला है. पुलिस प्रशासन की टीम खाली करवाने के लिए आई हुई है. पहले भी इन लोगों को कोर्ट के नोटिस के द्वारा जानकारी दी गई थी साथ ही साथ अनाउंसमेंट भी जमीन खाली करने के लिए करवाया गया था.”- रमन कुमार, एसडीओ

सुप्रीम कोर्ट का है फैसलाः जमीन पर दावा करने वाले अनिरुद्ध कुमार यादव ने बताया कि लगभग 23 एकड़ जमीन उनके दादा परदादा की है. सकीचानंद दास को उनके परिजन के द्वारा जमीन एग्रीमेंट की गयी थी. एग्रीमेंट खारिज हो गयी. एग्रीमेंट खारिज होने के बावजूद भी उनके द्वारा इन लोगों को जमीन बेच दी गयी जो लीगल नहीं है. इस मामले को लेकर अनिरुद्ध यादव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उनके पक्ष में फैसला आया. इसके बाद कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया गया कि उनकी जमीन को खाली करवाया जाए. आज प्रशासन की टीम जमीन खाली करवाने के लिए आई हुई थी।

 

 


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