अयोध्या राम मंद‍िर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में धूम मची हुई है। 22 जनवरी के पावन दिन को और खास बनाने के लिए हर तरह से लोग जुटे हुए हैं। ऐसे में इस दिन कुछ ख़ास लोगों को बुलावा भेजा गया है। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या नहीं जाने का निर्णय लिया है। वहीं, प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे भी नहीं जा रहे हैं लालू के आदेश पर उनके बेटे और नीतीश सरकार के मंत्री तेजस्वी और तेज प्रताप भी 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे। ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने लालू और सोनिया गांधी के इस फैसले पर करारा प्रहार किया है।

वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरसीपी ने अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 500 सालों के बाद देश को यह मौका मिला है जब प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में बनकर तैयार हुआ और भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। यह सब कुछ वैधानिक तरीके से और कोर्ट के आदेश पर हुआ है। इसका विरोध सही नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक महीने पहले लालू यादव परिवार के साथ मंदिरों में गए थे। लालू यादव का के परिवार के सभी सदस्य खूब पूजा पाठ करते हैं। उनके परिवार की आस्था देवी देवताओं और भगवान राम में है। लेकिन अयोध्या नहीं जाने का फैसला क्यों लिया यह नहीं बता सकता। आरसीपी सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी जी के बारे में तो मैं नहीं जानता कि उनकी आस्था किन में है। लेकिन, लालू यादव की आस्था भगवान राम में है इसमें कोई शक नहीं।

उन्होंने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ लेकिन हमें पूरी संस्कृतिक आजादी नहीं मिली। प्रधानमंत्री मोदी के काल में या काम शुरू हो गया है। आगे भी कई काम होना बाकी है। 22 जनवरी देश के लिए अभूतपूर्व दिवस है। यह तारीख भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज रहेगी। श्रीराम केवल भगवान नहीं है बल्कि भारत के स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम पर इस देश में किसका विश्वास नहीं है। सब उन्हें अपना प्रभु मानते हैं।

आपको बताते चलें कि, 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली जिसे लेकर देश भर में उल्लास का माहौल है। इस बीच पीएम मोदी और बीजेपी के विरोधी दलों का सियासी घमासान जारी है। कांग्रेस पार्टी ने इसे कांग्रेस और आरएसएस का इवेंट बताकर शामिल होने से मना कर दिया है। नीतीश की पार्टी जेडीयू ने श्रीराम में आस्था जताते हुए अयोध्या जाने पर विचार करने की बात कही है।