बिहार में बालू माफियाओं के बढते आतंक के बीच बीजेपी नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार के सारे बालू माफिया राजद के नेता हैं. एक साल में साढ़े तीन सौ करोड़ का बालू घोटाला हुआ, दो दर्जन से ज्यादा लोग मारे गये लेकिन नीतीश कुमार की हैसियत नहीं है कि वे बालू माफिया पर कार्रवाई करें।

अरूण यादव, सुभाष यादव बालू के सबसे बड़े माफिया

पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में बालू माफिया को राजद-जदयू का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए नीतीश सरकार इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है. पुलिस का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है. नीतीश कुमार ने खनन माफियाओं से निपटने के लिए सशस्र खनन पुलिस बल बनाने का एलान किया था लेकिन वह घोषणा हवा में रह गईं. नीतीश कुमार की सरकार बालू माफियाओं के सामने नतमस्तक हो चुकी है।

सुशील मोदी ने कहा कि लालू और बालू का पुराना रिश्ता रहा है. तभी राजद के सत्ता में आने के बाद से बालू माफिया का दुस्साहस आसमान पर पहुंच गया. राजद-जेडीयू की इस सरकार के 14महीनों के कार्यकाल में गैंगवार, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर हमले की 50 से अधिक घटनाओं में दो दर्जन लोग मारे जा चुके हैं. गैंगवार में हजारों राउंड गोली चल चुकी है और दो दर्जन पोकलेन मशीनें फूंकी जा चुकी हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव और सुभाष यादव बड़े बालू माफिया हैं. उन्होंने ही एक दिन में राबड़ी देवी के 8 फ्लैट खरीदे थे. अवैध बालू खनन और 250 करोड़ रुपये की राजस्व चोरी के मामले में जिस ब्राडसंस कंपनी पर ईडी ने छापा मारा, उसके मालिक सुभाष यादव हैं. ईडी इसी मामले में जदयू के विधान पार्षद राधाचरण सेठ को गिरफ्तार कर पहले भी पूछताछ कर चुकी है।

सुशील मोदी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार बालू माफिया ने एक वर्ष में 355 करोड़ की हेराफेरी की है. उन्होंने कहा कि जब राजद और जदयू की पूरी सरकार बालू-शराब माफिया से मिली हो, तब ड्रोन कैमरे से निगरानी और अलग खनन सशस्त्र बल बनाने जैसी बातें कौन लागू करेगा? उन्होंने ने कहा कि पिछले साल बिहटा के दियारा में बालू माफिया ने पुलिस टीम पर हमला किया, जिसमें 5 लोग मारे गए।

बालू माफिया के दुस्साहस का ये आलम है कि गुंडों ने खनन विभाग के कार्यालय में घुसकर भी मारपीट की थी. उन्होंने कहा कि बिहटा के अमनाबाद में माफिया गैंग वार की ताजा घटना में सौ चक्र गोली चली और पांच पोकलेन मशीने फूँक दी गईं, लेकिन दोनों गुटों के 20 नामजद आरोपियों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।


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