मध्य प्रदेश में चुनावी मंच पूरी तरह से सज चुका है। पार्टियों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसी बीच हाल ही उप कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं। दरअसल उन्होंने कांग्रेस पार्टी से भरोसा मिलने पर अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया। लेकिन सरकार ने काफी समय तक इस्तीफा मंजूर ही नहीं किया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद सरकार इस्तीफा मंजूर कर लिया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

चुनावों की घोषणा से पहले ही दिया था इस्तीफा 

निशा बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के प्रयास में हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। वह छतरपुर जिले के लव कुश नगर में पदस्थ थी, वे आमला से चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी थी और संभावना यही थी कि उन्हें कांग्रेस यहां से उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन जब तक उनका इस्तीफा मंजूर होता तब तक कांग्रेस पार्टी ने आमला विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। अब पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की स्थिति न घर की और न घाट के जैसी हो गई है।

मसले को लेकर कमलनाथ से मिल रही हैं निशा 

निशा ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से भी मुलाकात की है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि निशा के मामले का फैसला अब दिल्ली में हाई कमान द्वारा ही किया जाएगा क्योंकि पार्टी में जितने भी टिकट बदले जा रहे हैं वह फैसला दिल्ली से ही हो रहे हैं। निशा ने इस मसले को लेकर कहा कि मुझे इस्तीफा स्वीकार होने तक इंतजार करने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने भरोसा दिया है कि वह उनको लेकर आलाकमान से बात करेंगे, क्योंकि अभी तक जहां भी प्रत्याशी बदले गए हैं, उसका फैसला दिल्ली आलाकमान ने ही लिया है।

निशा बांगरे ने कहा कि सात सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार बदले हैं और उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस इसे लेकर जरुर फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद पर ही पूरी दुनिया कायम है। वहीं कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर चुनाव लड़ने या ना लड़ने पर उन्होंने कहा कि यह फैसला कमलनाथ से साथ बैठक और चर्चा के बाद ही लिया जा सकेगा।