सोमवार को रेप पीड़िता के गर्भपात कराने को लेकर दाखिल एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति तो दे दी और इसके साथ ही बड़ी टिपण्णी भी की है। कोर्ट ने कहा कि गर्भावस्था किसी परिवार के लिए ख़ुशी का स्त्रोत होता है, लेकिन कई बार यह बेहद ही दुखी करने वाला होता है।

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय समाज में, विवाह संस्था के भीतर, गर्भावस्था एक जोड़े और समाज के लिए बेहद ही खुशी का पल होता है। लेकिन शादी के बिना या महिला के बिना मर्जी के होने पर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसलिए इस मामले में कोर्ट महिला के गर्भपात की अनुमति देता है।

वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले की भी आलोचना की, जिसमें उच्च न्यायालय ने महिला को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों में हमें त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ना कि सामान्य मामला मानकर उदासीन रवैया दिखाना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में पीड़िता की दोबारा जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद आज इस मामले में फैसला सुनाया है।