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चनाचूर फैक्ट्री में काम करने वाले की बेटी बनी नेवी में अफसर, महाराष्ट्र के लोनावाला में हुई पोस्टिंग

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बिहार के गया की बेटी रिया कुमारी नेवी में मैकेनिकल इंजीनियर बनी है. उसकी पोस्टिंग महाराष्ट्र के लोनावाला में हुई है. इस बीच वह अपने घर आई तो परिवार में खुशी का माहौल हो गया. घर में सत्यनारायण भगवान की पूजा भी कराई गई. रिया ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है. बता दें कि रिया के पिता निरंजन सिंह चनाचूर फैक्ट्री में काम करते हैं।

नेवी में अफसर बना गया की बेटी: जिले के गुरुआ प्रखंड अंतर्गत बरमा गांव के रहने वाले निरंजन कुमार की पुत्री रिया कुमारी नेवी में अफसर बनी है. निरंजन कुमार चनाचूर नमकीन फैक्ट्री में काम करते हैं. विगत माह ही नेवी में रिया का रिजल्ट आया था. इसके बाद ट्रेनिंग पूरा किया और अब वह फिलहाल में नेवी में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर लूनावाला मुंबई में पोस्टेड है।

आर्थिक तंगी रही लेकिन बेटी को पढाया: बता दें कि निरंजन कुमार साधारण परिवार से आते हैं. वह खुद चनाचूर नमकीन फैक्ट्री में काम करते हैं, लेकिन अपनी बेटी को पढ़ाने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. यही वजह रही कि रिया आज नेवी में अफसर बनी हैं. रिया का कहना है, कि लड़कियां किसी से कमजोर नहीं होती हैं और आज लड़कियां कई क्षेत्रों में बेहतर कर रही है।

पिता के छलक पड़े आंसू: वहीं, अपनी बेटी को अफसर बनाने के सवाल पर पिता निरंजन कुमार की आंखों से आंसू छलक आते हैं. बताते हैं, कि वह कोलकाता में चनाचूर फैक्ट्री में काम करते हैं, लेकिन बेटी को पढ़ने के लिए कभी पीछे नहीं हटे. वहीं, रिया का कहना है, कि वह लड़कियों के लिए संदेश देना चाहती है, कि वे किसी से कमजोर नहीं है. मेहनत कर खुद को आगे बढ़ाएं, निश्चित तौर पर उन्हें सफलता मिलेगी. आज लड़कियां देश की सेवा बेहतर तरीके से विभिन्न क्षेत्रों के माध्यम से कर रही है।

सेल्फ स्टडी की, यूट्यूब से सीखती रही: रिया कुमारी बताती हैं कि उन्होंने यूट्यूब की मदद लेकर सेल्फ स्टडी की. वहीं एक कोचिंग का सहारा लिया. इसके बाद वह कहीं बाहर पढ़ने नहीं गई. गांव में ही रहकर पढ़ाई पूरी की और आज नेवी में अफसर बनी हैं. रिया बताती है, कि उसके मम्मी पापा ने काफी सपोर्ट किया. पापा कहते थे, बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. माता रेखा देवी व पिता निरंजन कुमार का विश्वास रंग लाया है और वह नेवी में अफसर बनी है. उसकी गांव की दो दोस्त स्वाति कुमारी और सोनम कुमारी भी नेवी में गई है।

कतर की जेल से रिहा हुए 8 पूर्व नौसैनिक, 7 लौटे भारत; पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कही बड़ी बात

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भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार (12 फरवरी) को एक बयान में कहा कि कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीय नागरिकों की रिहा कर दिया गया है और उनमें से सात भारत लौट आए हैं। भारतीय लोगों को अगस्त 2022 में कतर में अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उनके द्वारा किए गए अपराधों को निर्दिष्ट किए बिना हिरासत में रखा गया था।

वहीं, कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा रहना संभव नहीं था, यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ। एक दूसरे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी ने कहा कि हमने भारत वापस आने के लिए लगभग18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता।

दरअसल, भारतीय नागरिकों को 25 मार्च, 2023 को दायर आरोपों का सामना करना पड़ा और कतरी कानून के अनुसार कानूनी कार्यवाही से गुजरना पड़ा। नवंबर में, डहरा ग्लोबल कंपनी और कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नाविकों को मौत की सजा दी गई थी। उस समय, भारत ने कतर के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया था और अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं।

उधर, 26 अक्टूबर, 2023 को कतर के एक न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से ही नौसेना के पूर्व अधिकारियों को बचाने की कोशिश भारत सरकार ने शुरू कर दी थी। यह भारत की कूटनीतिक जीत भी है।

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ देश का पहला सर्वे पोत INS Sandhayak

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देश का पहला और सबसे बड़ा सर्वे पोत INS Sandhayak शनिवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। इससे आत्मनिर्भरता के साथ भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी। नौसेना को समुद्री आंकड़ों के विश्लेषण में सहायता मिलेगी।

इस जहाज का काम सुरक्षित समुद्री नौपरिवहन को सक्षम करना है। इसके लिए ये बंदरगाहों, नौवहन चैनलों, मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का बड़े पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा। इसके अलावा जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।

भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि..

विशाखापत्तनम के नौसेना डाकयार्ड में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर मैं अपनी नौसैनिक ताकत की बात करूं, तो भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में हम पहले जवाब देने वाले बन गए हैं।

वैश्विक व्यापार की बात करें तो हिंद महासागर को वैसे भी हॉटस्पाट के तौर पर गिना जाता है। अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि कई चोक प्वाइंट हिंद महासागर में हैं, जिसके जरिए से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन चोक प्वाइंट्स पर कई खतरे बने हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं का है। सिंह ने चेतावनी दी कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नौसेना ने अलग-अलग रेंज के अत्याधुनिक प्लेटफार्म को लांच किए

इस मौके पर एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि पिछले एक दशक में नौसेना ने अलग-अलग रेंज के अत्याधुनिक प्लेटफार्म को लांच किए हैं, चाहे वह शक्तिशाली विमानवाहक पोत विक्रांत हो, विशाखापत्तनम क्लास का डेस्ट्रोयर हो, बहुमुखी श्रेणी के फ्रिगेट, कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हों या गोताखोरी के लिए विशेष जहाज हो, हम उभरते हुए भारत की सेवा में एक संतुलित और आत्मनिर्भर बल का निर्माण कर रहे हैं।

आखिरी तीन युद्धपोत और पनडुब्बियां पिछले दस वर्षों में नौसेना में शामिल किए गए हैं। वे सभी भारत में बनाए गए हैं और सन्धायक भारत में बनने वाला 34वां पोत है। नौसेना के मुताबिक, कोलकाता के मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में चार बड़े सर्वेक्षण पोत निर्माणाधीन हैं। यह उनमें पहला है। आइएनएस सन्धायक का बंदरगाह और समुद्र दोनों में परीक्षण किया गया था। इसके बाद चार दिसंबर को इसे नौसेना को सौंप दिया गया था।

अत्याधुनिक उपकरणों से लैस INS Sandhayak

आइएनएस सन्धायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस है। जिसमें गहरे पानी के मल्टीबीम इको-साउंडर्स, पानी के नीचे चलने वाले वाहन, दूर से संचालित होने वाले वाहन, उपग्रह आधारित स्थिति निर्धारण प्रणाली शामिल हैं। जहाज की आधारशिला 12 मार्च, 2019 को रखी गई थी और जहाज को पांच दिसंबर, 2021 को लांच किया गया था।

यह बंदरगाह और समुद्र में कई परीक्षण से गुजर चुका है। इसके बाद इसे चालू किया गया। जहाज का विस्थापन 3,400 टन और कुल लंबाई 110 मीटर और बीम 16 मीटर है. इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है।

भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों के मंसूबों पर फेरा पानी, ईरानी और पाकिस्तानी नागरिकों को ऐसे कराया मुक्त

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भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों का एक और प्रयास को विफल कर दिया है। नौसेना ने इस बार पाकिस्तान और ईरान के दलों को बचाया है। भारतीय नौसेना ने एक्स पोस्ट में बताया कि 31 जनवरी को मछली पकड़ने वाली जहाज एफवी ओमारी पर समुद्री डकैती की सूचना मिली, जिस पर नौसेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एफवी ओमारी का पता लगाया। नौसेना ने बताया कि आईएनएस शारदा ने जहाज को रोक दिया और तुरंत की गई कार्रवाई ने समुद्री लुटेरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

जहाज के सभी सदस्यों को बनाया गया था बंधक

नौसेना ने बताया कि ईरानी झंडे वाले समुद्री जहाज पर सात लुटेरे चढ़ गए थे और चालक दल के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया था। नौसेना के मुताबिक, आईएनएस शारदा ने शुक्रवार तड़के जहाज को रोका और सभी की सुरक्षित रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं को मजबूर करने के लिए अपने कई हेलीकॉप्टर और नौकाओं का इस्तेमाल किया।

ईरानी और पाकिस्तानी नागरिक थे सवार

नौसेना ने बताया कि आईएनएस शारदा ने एफवी ओमारी पर मौजूद सभी चालक दल के सदस्यों की सफल रिहाई सुनिश्चित की है, जिसमें 11 ईरानी और आठ पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं। जहाज ने सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा बंदी बनाए गए चालक दल के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए एफवी ओमारी पर बोर्डिंग भी की।

सोमालिया कोस्ट के पास हाइजेक हुई MV Lila Norfolk, जहाज पर उतरे नेवी कमांडो ऑपरेशन जारी

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सोमालिया कोस्ट के पास हाइजैक हुए एमवी लीला नॉरफॉक जहाज (MV Lila Norfolk) के पास भारतीय नौसेना का आईएनएस चेन्नई (INS Chennai) पहुंच गया है. नौसेना ने हेलीकॉप्टर उतार समुद्री लुटेरों को चेतावनी देते हुए MV Lila Norfolk को छोड़ने को कहा है.

इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने सेना अधिकारियों के हवाले से बताया कि MV Lila Norfolk जहाज पर मौजूद सभी क्रू मेंबर सुरक्षित हैं. मरिन कमांडो ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है. कमांडो जहाज पर उतर चुके हैं. हाइजैक हुए जहाज पर 15 भारतीय मौजूद हैं.

भारतीय नौसेना ने क्या कहा?
भारतीय युद्धपोत आईएनएस चेन्नई ने सवा तीन बजे एमवी लीला को रोका. लगातार अरब सागर में भारतीय नौसेना के समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन से नजर रख रहे हैं. नौसेना ने कहा कि जहाज की हम एमपीए, प्रीडेटर, एमक्यू9बी और integral helos के जरिए लगातार निगरानी कर रहे हैं.

दरअसल, यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने गुरुवार (4 जनवरी) को लाइबेरिया के ध्वज वाले मालवाहक जहाज एमवी लीला नॉरफॉक के अपहरण की घटना की सूचना दी थी. यूकेएमटीओ, एक ब्रिटिश सैन्य संगठन है, जो रणनीतिक जलमार्गों में विभिन्न जहाजों की गतिविधियों पर नजर रखता है.

पांच से छह लोग शामिल
जहाज में मौजूद लोगों ने पांच से छह अज्ञात हथियारबंद लोगों के सवार होने का संकेत दिया था. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने नौसेना के प्रवक्ता के हवाले से बताया किभारतीय नौसेना अंतरराष्ट्रीय साझेदारों और मित्र देशों के साथ क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सरकार ने भारतीय नौसेना में किया बड़ा बदलाव, बदले गए कंधों पर लगने वाले पटके

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नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के स्वरुप में बड़ा बदलाव किया है। नौसेना के ध्वज के बाद अब अधिकारियों के कंधों पर लगने वाले पटकों के स्वरुप में बदलाव किया गया है। अभी तक भारतीय नौसेना के अधिकारी अंग्रेजों के समय से चले आ रहे गुलामी के प्रतीकों को पहन रहे थे। लेकिन अब वह स्वराज का सपना देखने वाले शिवाजी महाराज की नौसेना से प्रेरित होकर बनाए गए एपोलेट्स को पहनेंगे।

गौरतलब है कि इस साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एडमिरल के कंधों पर नए डिजाइन के एपोलेट्स की घोषणा की थी। इसके बाद आज 29 दिसंबर को नौसेना ने इन नए पटकों की झलक दिखाई है। नौसेना ने बताया है कि इन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के एनसाइन और राजमुद्रा से प्रेरित होकर डिजाइन किया गया है। बता दें कि नौसेना पर पीएम मोदी ने कहा था कि अब हमें ब्रिटिश शासन के समय की चीजों और पहचान को खत्म करना है। हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर आकर अपनी विरासत को आगे बढ़ाना है।

नए पटकों में क्या है?

भारतीय नौसेना के द्वारा एडमिरनल के कंधों के लिए डिजाइन किए गए नए पटके छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के निशान और उनकी मुद्रा से प्रेरित हैं। इसमें मुख्य रूप से पांच निशान हैं। पहला गोल्डन नेवी बटन, दूसरा अशोक मुद्रा के साथ औक्टागन, तीसरा तलवार, चौथा टेलिस्कोप और पांचवां अधिकारियों की रैंक के हिसाब से जल सितारे लगे हुए हैं। इसमें रियर एडमिरल के पटके में दो सितारे होंगे लेकिन पटके की आउटलाइन काले रंग की होगी। वहीं सर्ज रियर एडमिरल के पटके में भी दो सितारे होंगे, लेकिन इस पटके की आउटलाइन लाल रंग की होगी।

इसके अलावा वाइस एडमिरल के पटके में तीन सितारे होंगे। इस पटके की भी आउटलाइन काले रंग की होगी। वहीं सर्ज वाइस एडमिरल के पटके में भी तीन सितारे होंगे, लेकिन इस पटके की आउटलाइन लाल रंग की होगी। इसके अलावा नौसेना प्रमुख अर्थात एडमिरल के कंधे पर लगने वाले पटके में चार सितारे होंगे और इस पटके की भी आउटलाइन काले ही रंग की होगी। सितारों और आउटलाइन के रंग के अलावा सभी एडमिरल के पटके एक ही तरह के होंगे।

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS इंफाल, ताकत जानकर घबराएंगे पड़ोसी देश

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मंगलवार को मुंबई में भारतीय नौसेना में स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘INS इंफाल’ को शामिल कर लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार युद्धपोत को नौसेना में शामिल करने के कार्यक्रम में मौजूद थे। मझगांव डॉक लिमिटेड की ओर से बनाया गया INS इंफाल कई आधुनिक खूबियों से लैस है और दुश्मन देशों की नींद खराब कर सकता है।

यहां जानें बड़ी खूबियां

INS इंफाल भारतीय नौसेना की ओर से  स्वदेशी रूप से डिजाइन करवाया गया है। ये ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसक युद्धपोतों में से तीसरा युद्धपोत है। INS इंफाल लंबी दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागने की क्षमता से लैस है। इसमें स्टेल्थ फीचर्स भी दिए गए हैं। ये भारतीय नौसेना को समुद्र में बड़ी बढ़त दिलाने के मकसद से तैयार किया गया है।

रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर से लैस

INS इंफाल पनडुब्बी रोधी युद्ध संचालन करने में भी सक्षम है। यह स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर से लैस है और इसमें आधुनिक निगरानी रडार है जो गनरी हथियार प्रणालियों को लक्ष्य डेटा प्रदान करता है। भारत में निर्मित विध्वंसक में 75 प्रतिशत उच्च स्वदेशी सामग्री है, जिसमें मध्यम दूरी की सतह भी शामिल है- सतह पर मार करने वाली मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, टारपीडो ट्यूब लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट भी मौजूद है।

ये भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है- राजनाथ सिंह

INS इंफाल को नौसेना में शामिल करने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना में ‘आईएनएस इम्फाल’ का शामिल होना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एमडीएल और नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” इसके निर्माण में सभी हितधारकों की कड़ी मेहनत और समर्पण शामिल है। मुझे सचमुच विश्वास है कि आईएनएस इम्फाल के चालू होने से भारतीय नौसेना मजबूत होगी।

नौसैनिक जहाज के जरिए मुंबई पोर्ट पर पहुंचा मर्चेंट शिप एमवी केम प्लूटो, जांच शरू

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भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने अरब सागर में ड्रोन हमले का सामना करने वाले व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो के सोमवार को मुंबई पहुंचने पर उसका विस्तृत निरीक्षण किया। नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि हमले वाली जगह और जहाज पर पाए गए मलबे का विश्लेषण करने ड्रोन हमले का संकेत मिलता है और सभी विवरणों का पता लगाने के लिए आगे फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी। शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किये।

जहाज पर हुए हमले की जांच शुरू

अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्यिक जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर, नौसेना ने क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक उपस्थिति बनाए रखने के लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि जहाज के कार्गों को एक दूसरे जहाज में स्थानांतरित करने की योजना है। तटरक्षक बल, नौसेना, खुफिया एजेंसियों और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जहाज पर यह हमला कैसे किया गया।

ड्रोन से हुआ था संदिग्ध हमला

नौसेना की एक टीम व्यापारिक जहाज पर हुए हमले की पूरी जांच और आंकलन करने में जुटी हुई है। बता दें कि भारतीय नौसेना ने पूरे इलाके में संदिग्ध जहाजों या गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मध्य अरब सागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। केएम प्लूटो पर हुए हमले को लेकर एक नौसेना अधिकारी ने कहा कि हमले के क्षेत्र, मलबे का विश्लेषण ड्रोन हमले की ओर इशारा कर रही हैं। हालांकि आगे फॉरेंसिक जांच और तकनीकी विश्लेषण की जरूरत है। बता दें कि इस जहाज पर अरब सागर में दो दिन पहले संदिग्ध ड्रोन से हमला किया गया था। हांलांकि अब इस पूरे मामले की जांच चल रही है।

भारतीय नौसेना ने उठाया बड़ा कदम, अरब सागर में तैनात किए तीन युद्धपोत

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जहाज एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन हमले के बाद अब भारतीय नौसेना ने अरब सागर में तीन युद्धपोत को तैनात कर दिया है। नौसेना ने जहाज एमवी केम प्लूटो के मुंबई बंदरगाह पहुंचने के बाद उसका शुरुआती निरीक्षण किया। इसके बाद नौसेना ने इस बात की पुष्टि की है कि जहाज पर भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमला हुआ।  लेकिन यह हमला कहां से हुआ और इसके लिए कितनी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, यह फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा। इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने रविवार को कहा था कि एमवी केम प्लूटो ‘‘ईरान की ओर से छोड़े गए ड्रोन हमले’’ की चपेट में आया था।

अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल जगहों पर हाल में हुए हमलों के मद्देनजर नौसेना ने क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक उपस्थिति बनाए रखने के लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया है।

शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले कमर्शियल जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किये। जहाज अपराह्न साढे तीन बजे मुंबई तट पर पहुंचा। मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जहाज के पहुंचने पर भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने हमले का प्रकार और प्रकृति का प्रारंभिक आकलन करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया। हमले के क्षेत्र और जहाज पर मिले मलबे का निरीक्षण करने से संकेत मिलता है कि यह ड्रोन हमला था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमले के प्रकार और इसमें इस्तेमाल विस्फोटक की मात्रा का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी।’’ प्रवक्ता ने कहा कि विस्फोटक आयुध रोधी दल द्वारा जहाज का विश्लेषण पूरा करने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त जांच शुरू की। अधिकारी ने बताया कि अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर क्षेत्र में तीन निर्देशित मिसाइल विध्वंसक तैनात किए गए हैं।