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नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के स्वरुप में बड़ा बदलाव किया है। नौसेना के ध्वज के बाद अब अधिकारियों के कंधों पर लगने वाले पटकों के स्वरुप में बदलाव किया गया है। अभी तक भारतीय नौसेना के अधिकारी अंग्रेजों के समय से चले आ रहे गुलामी के प्रतीकों को पहन रहे थे। लेकिन अब वह स्वराज का सपना देखने वाले शिवाजी महाराज की नौसेना से प्रेरित होकर बनाए गए एपोलेट्स को पहनेंगे।

गौरतलब है कि इस साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एडमिरल के कंधों पर नए डिजाइन के एपोलेट्स की घोषणा की थी। इसके बाद आज 29 दिसंबर को नौसेना ने इन नए पटकों की झलक दिखाई है। नौसेना ने बताया है कि इन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के एनसाइन और राजमुद्रा से प्रेरित होकर डिजाइन किया गया है। बता दें कि नौसेना पर पीएम मोदी ने कहा था कि अब हमें ब्रिटिश शासन के समय की चीजों और पहचान को खत्म करना है। हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर आकर अपनी विरासत को आगे बढ़ाना है।

नए पटकों में क्या है?

भारतीय नौसेना के द्वारा एडमिरनल के कंधों के लिए डिजाइन किए गए नए पटके छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के निशान और उनकी मुद्रा से प्रेरित हैं। इसमें मुख्य रूप से पांच निशान हैं। पहला गोल्डन नेवी बटन, दूसरा अशोक मुद्रा के साथ औक्टागन, तीसरा तलवार, चौथा टेलिस्कोप और पांचवां अधिकारियों की रैंक के हिसाब से जल सितारे लगे हुए हैं। इसमें रियर एडमिरल के पटके में दो सितारे होंगे लेकिन पटके की आउटलाइन काले रंग की होगी। वहीं सर्ज रियर एडमिरल के पटके में भी दो सितारे होंगे, लेकिन इस पटके की आउटलाइन लाल रंग की होगी।

इसके अलावा वाइस एडमिरल के पटके में तीन सितारे होंगे। इस पटके की भी आउटलाइन काले रंग की होगी। वहीं सर्ज वाइस एडमिरल के पटके में भी तीन सितारे होंगे, लेकिन इस पटके की आउटलाइन लाल रंग की होगी। इसके अलावा नौसेना प्रमुख अर्थात एडमिरल के कंधे पर लगने वाले पटके में चार सितारे होंगे और इस पटके की भी आउटलाइन काले ही रंग की होगी। सितारों और आउटलाइन के रंग के अलावा सभी एडमिरल के पटके एक ही तरह के होंगे।


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