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प्रधानमंत्री से मिलने पहुंच गये ललन सिंह: नरेंद्र मोदी से सारी शिकायतें हवा हो गयीं

वह 2022 का साल था, जब ललन सिंह ने नीतीश कुमार को बीजेपी से अलग कर राजद के साथ जाने में सबसे अहम रोल निभाया था. नीतीश के पलटी मारने के बाद ललन सिंह के भी सारे पुराने तेवर हवा हो गये हैं. दिल्ली में आज जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बकायदा टाइम लेकर प्रधानमंत्री से मिलने पहुंच गये।

प्रधानमंत्री से ललन सिंह की ये मुलाकात संसद में हुई. संसद का सत्र चल रहा है और ललन सिंह ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने संसदीय चेंबर में मिलने के लिए बुलाया था. बड़ा गुलदस्ता लेकर ललन सिंह प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे. बता दें कि ललन सिंह लोकसभा में जेडीयू के संसदीय दल के नेता हैं।

हालांकि दोनों के बीच मुलाकात काफी संक्षिप्त रही. जेडीयू के एक सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री की पहले से व्यवस्ता थी. इसलिए काफी कम समय के लिए दोनों के बीच बातचीत हुई. वैसे ललन सिंह ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि सदन के अदंर जेडीयू आक्रमता के साथ बीजेपी का सपोर्ट करेंगे।

बता दें कि कुछ दिनों पहले तक ललन सिंह बीजेपी के सबसे कट्टर दुश्मन हुआ करते थे. ये सिलसिला तब से शुरू हुआ था जब बीजेपी ने उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाने से इंकार कर दिया था. 2021 में मोदी कैबिनेट के विस्तार के समय बीजेपी ने ललन सिंह को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाने से साफ इंकार कर दिया था. बीजेपी ने आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया था. इसके बाद से ही ललन सिंह बीजेपी के सख्त खिलाफ हो गये थे. इसी फेरे में आरसीपी सिंह को जेडीयू से बाहर जाना पड़ा था।

कुछ दिनों पहले नीतीश जब पाला बदल कर बीजेपी के साथ जा रहे थे तो भी ललन सिंह ने चुप्पी साध रखी थी. वे मीडिया में कोई बयान नहीं दे रहे थे. हालांकि एक दिन पहले ललन सिंह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि वे पप्पू हैं औऱ पप्पू ही रह जायेंगे. आज ललन सिंह ने एक कदम और बढाया और प्रधानमंत्री से मिलने पहुंच गये।

ललन सिंह को कभी राजद पसंद नहीं करेगा, वो हैं क्या जो बिगड़ जाएगा: गोपाल मंडल

भागलपूर बिहार की राजनीति में मची उथल पुथल के बीच जदयू विधायक गोपाल मंडल ने एक और बड़ा बयान दिया है। गोपाल मंडल ने अपने ही पार्टी के सांसद ललन सिंह को लेकर बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि हम मजबूती से नीतीश कुमार के साथ है बुरे दिन से उनके साथ है। ललन सिंह को कभी राजद पसंद नहीं करेगा।

ललन बाबू उन सबको जेल भिजवाने वाले है। उनको कोई पूछेगा क्या श्याम रजक का क्या दुर्दशा हुआ। सो क्या है ललन बाबू जो बहुत बिगड़ जाएगा। वहीं भाजपा से मुख्यमंत्री होने के बयान पर गोपाल मंडल ने कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री कहाँ से बनेगा। भाजपा लुटेरा पार्टी है उसका कभी मुख्यमंत्री बना है जो अब बनेगा। नीतीश कुमार सर्वोपरि है।

ललन सिंह ने केंद्र सरकार की नीतियों पर बोला हमला, देश में लगा है अघोषित आपातकाल, इशारे पर एजेंसियां कर रही कार्रवाई

बाढ़ के बेलछी में बिहार प्रदेश जनता दल (यू) किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। इसमें किसी को बोलने की आजादी नहीं है।

इसके साथ ही ललन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि मीडिया नेटवर्क पर मोदी सरकार की हुकूमत चल रही है। कामकाज का झूठा प्रचार किया जा रहा है। सांसद ललन सिंह ने कहा कि राजनीतिक इशारे पर केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही है ताकि बोलने की आजादी पर अंकुश लगाया जा सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोज कुमार ने की। मौके पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, एमएलसी संजय सिंह, सांसद कौशलेंद्र कुमार मौजूद थे। इस दौरान स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी दूर करने का भरोसा सांसद ललन सिंह ने दिया है। इसके बाद दही- चूड़ा भोज का आयोजन किया गया।

जदयू अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद मुंगेर में खूब सक्रिय हुए ललन सिंह …. चुनाव के पहले MLC कार्तिक संग की पहलवानों की हौसलाअफजाई

जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद ललन सिंह लगातार अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर में सक्रिय नजर आ रहे हैं. दिल्ली से पटना लौटने के बाद वे पहले लखीसराय गए और अब एक बार फिर से मुंगेर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कई कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. ललन सिंह गुरुवार को मोकामा विधानसभा क्षेत्र के पंडारक पहुंचे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकियों में रहे दिवंगत भाषों बाबू पहलवान की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित भारत केशरी दंगल कुश्ती में शामिल हुए।

ललन सिंह ने जदयू अध्यक्ष पद छोड़ने के पीछे मूल वजह अपने संसदीय क्षेत्र में जनसेवा में समय नहीं दे पाना कहा था. ऐसे में अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद अब ललन सिंह पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहे हैं. वे क्षेत्र के हर छोटे बड़े आयोजन में शामिल हो कर जन सम्पर्क भी कर रहे हैं. साथ ही गठबंधन के सहयोगी स्थानीय नेताओं को भी इस दौरान साथ रख रहे हैं. पंडारक पहुंचने पर ललन सिंह के साथ राजद एमएलसी कार्तिक सिंह उर्फ़ मास्टर भी साथ रहे. दोनों ने दंगल कुश्ती में शामिल पहलवानों की हौसलाअफजाई की. साथ ही राजद और जदयू के मजबूत साथ का भी संकेत किया।

दरअसल, ललन सिंह ने वर्ष 2019 में मुंगेर से संसदीय चुनाव जीता है. इसके पहले वे 2009 के संसदीय चुनाव में भी जीते थे लेकिन वर्ष 2014 में हुए चुनाव में मुंगेर में ललन की हार हो गई थी. एक बार फिर से ललन सिंह इस वर्ष होने वाले संसदीय चुनाव में मुंगेर से जदयू उम्मीवार होंगे. माना जा रहा है कि वे अपने लिए अभी से मुफीद रास्ता बनाना चाहते हैं जिससे उन्हें चुनाव में कोई विशेष परेशानी ना हो. उन्हें वैसी चुनौतियाँ ना झेलनी पड़ी जैसा वह 2014 में झेले थे. ऐसे में ललन की मुंगेर के इलाके में सक्रियता उनकी चुनावी रणनीति का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है।

मोकामा विधानसभा क्षेत्र के पंडारक पहुंचने पर उन्होंने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की. साथ ही उनकी क्षेत्र से जुडी विभिन्न मांगों और समस्याओं को भी सुना।

 

‘बहुत कम दिनों के मेहमान हैं ललन सिंह’, ये क्या बोल गए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे?

बिहार की राजनीति में फेरबदल को लेकर बयानबाजी तो होती रहती है, लेकिन कभी-कभी नेता ऐसी बात बोल जाते हैं, जिसका अर्थ ही अलग निकल जाता है. आश्वासन बाबा से पहचान बनाने वाले केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने ललन सिंह को लेकर बड़ा बयान दिया है. आखिर ललन सिंह को क्या होने वाला है, जिसको लेकर उन्होंने इतनी बड़ी बात कह दी।

ललन सिंह को भी लपेटे में ले लिया

दरअसल, रविवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे मीडिया के सामने बयान दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज तो कसा ही साथ ही ललन सिंह को भी लपेटे में ले लिया.उन्होंने कहा कि “मुझे लग रहा है कि ललन सिंह अब बहुत कम दिनों के मेहमान हैं.” अश्विनी चौबे ने जिस तरह से ललन सिंह के बारे में बयान दिया है, यह सच में हैरान करने वाला है।

“मैंने पहले ही कहा था कि जदयू भानुमती का पिटारा है. यह आज है, कल है लेकिन आगे रहेगा इसका कोई ठीक नहीं है. लालू जी ने नीतीश जी के पेट में दांत का इलाज उन्हीं के डॉक्टर (ललन सिंह) से कराने का काम किया. मुझे लग रहा है कि ललन सिंह अब बहुत कम दिनों के मेहमान हैं.”-अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

क्या इसलिए पद से हटे ललन सिंह?

बता दें कि 29 दिसंबर को दिल्ली में जदयू की बैठक में ललन सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद नीतीश कुमार ने जिम्मेदारी संभाली है. चर्चा है कि ललन सिंह राजद के साथ मिलकर तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए एक गुप्त बैठक की थी. इसी कारण उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।

जदयू भानुमति का पिटारा

ऐसी चर्चा है कि नीतीश कुमार को राजद से खतरा महसूस हुआ. इसके बाद उन्होंने ऐसा फैसला लिया है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे जदयू को भानुमति का पिटारा बताया. कहा कि जदयू आज है लेकिन कल रहेगी इसका कोई ठीक नहीं है. अनिश्चितिता की स्थिति बनी हुई है. इसका क्या मतलब जदयू खत्म होने वाली है?

लालू यादव ने नीतीश का इलाज कराया

अश्विनी चौबे ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के पेट में दांत का इलाज उन्हीं के डॉक्टर (ललन सिंह) से कराने का काम किया. ये ठीक है कि इलाज अधूरा रहा लेकिन इलाज अच्छा हो जाएगा. मुझे लग रहा है कि ललन सिंह अब बहुत कम दिनों के मेहमान हैं. अब जल्दी ही इनकी विदाई होगी।

लालू यादव ने नीतीश का इलाज कराया

अश्विनी चौबे ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के पेट में दांत का इलाज उन्हीं के डॉक्टर (ललन सिंह) से कराने का काम किया. ये ठीक है कि इलाज अधूरा रहा लेकिन इलाज अच्छा हो जाएगा. मुझे लग रहा है कि ललन सिंह अब बहुत कम दिनों के मेहमान हैं. अब जल्दी ही इनकी विदाई होगी.

 

क्या JDU से ललन की दूरी ? सोशल मीडिया पर नहीं दिख रहा नीतीश कुमार का नाम ! लिस्ट में इन नेता का नाम है शामिल

जदयू की बागडोर एक बार फिर से नीतीश कुमार ने अपने हाथों में ले ली है। इस बात की अटकल है पिछले कई दिनों से चल रही थी भले ही खुद नीतीश कुमार हो या पार्टी के कई दिग्गज नेता सब इसे अफवाह बता रहे थे। लेकिन इस अफवाह पर से बीते कल पर्दा उठ गया और ललन सिंह में पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जो अब सबसे रोचक चीज देखने को मिला है वह यह है कि ललन सिंह अपने सोशल मीडिया अकाउंट से जदयू के किसी भी बड़े चेहरे को फॉलो नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह जदयू पार्टी को भी फॉलो नहीं कर रहे हैं बल्कि तेजस्वी यादव और राजद को फॉलो कर रहे हैं।

दरअसल, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अपने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर कई टीवी चैनलों के साथ-साथ अन्य पार्टी के छोटे छोटे नेता को फॉलो कर रहे हैं। लेकिन जदयू के किसी बड़े नेता को फॉलो नहीं कर रहे हैं।ललन अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अगर बड़े नेता की बात करें तो तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल जैसे नेता को फॉलो कर रहे हैं।

इसके अलावा यदि हम जेडीयू में उनके फॉलो करने वाले लिस्ट में किसी नेता को को देखते हैं तो इनकी संख्या आधा दर्जन भी नहीं पहुंच पाती है। ललन सिंह बिहार के जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, निखिल मंडल और प्रतिक पटेल के साथ-साथ जदयू के युवा नेता तक को फॉलो कर रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार को फॉलो नहीं कर रहे हैं। हालांकि, ललन सिंह के कवर फोटो में नीतीश कुमार के साथ उनकी खुद की एक पोस्टर वाली तस्वीर जरूर है। भले ही वो सही में नीतीश कुमार को फॉलो करते हो या नहीं यह आधिकारिक तौर पर नहीं हो। लेकिन, ललन सिंह राजद में तेजस्वी यादव, तेजस्वी यादव के ऑफिस और उनके पार्टी के प्रवक्ता और पार्टी के ऑफिशियल अकाउंट तक को फॉलो कर रहे हैं।

उधर, ललन सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटते ही शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपना प्रोफाइल बदल लिया। इसमें उन्होंने खुद को ‘लोकसभा में जेडीयू का नेता’ लिखा है। इसके पहले अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल में ललन सिंह ने बायो में जेडीयू का नेशनल प्रेसिडेंट, आवास एवं शहरी मामलों के चेयरपर्सन और मुंगेर का सांसद लिखा था। ललन सिंह ने अपने बायो में बदलाव करते हुए नेशनल प्रेसिडेंट शब्द को हटा दिया है। साथ ही ‘लोकसभा में जेडीयू का नेता’ जोड़ दिया है।

आपको बताते चलें कि, एक्स पर ललन सिंह के 81 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। उन्होंने शुक्रवार रात पोस्ट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेडीयू का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी। ललन सिंह ने कहा कि पूरा जेडीयू परिवार लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए नीतीश के साथ है। हमें पूरा भरोसा है कि उनके नेतृत्व में पार्टी कामयाबी के नए मापदंड स्थापित करेगी।

तेजस्वी बनने जा रहे CM ? इस्तीफे के बाद ललन सिंह से सवाल… तो साधी चुप्पी कहा …. मुझे कुछ नहीं मालूम

ललन सिंह के जेडीयू अध्यक्ष पद छोड़ने और नीतीश के पार्टी की कमान संभालने के बाद पूरे देश की राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ी हुई है। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जेडीयू के सर्वमान्य नेता हैं। उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होगी।लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि जब उनसे तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बनेंगे यह सवाल किया तो उन्होंने न इसे स्वीकार किया और न ही इससे सीधा इनकार किया। ललन सिंह के इस सवाल के जवाब में कहा कि- मुझे पता नहीं।

दरअसल, मुंगेर सांसद और जदयू नेता ललन सिंह ने जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद शाम में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि – जेडीयू में सभी एकजुट हैं। पार्टी में ऑल इज वेल है। जेडीयू में किसी तरह की कोई टूट नहीं है। इसके बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि- क्या तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बनने जा रहे हैं? इसके बाद पहले तो आदततन वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं, यह तो आपको पता होगा। आपको ज्यादा ज्योतिष का ज्ञान है।

मालूम हो कि, ललन सिंह से यह सवाल किया गया था कि क्या आप राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं तो उन्होंने कहा था कि मुझे यह पता नहीं हो सकता है आपके पास ज्योतिष का ज्ञान हो और उन्होंने यह से बातें सुशील कुमार मोदी को लेकर भी कहा था कि वह आजकल कुछ जातक ज्यादा ही ज्योतिषी बनने लगे हैं। ऐसे में अब उन्होंने एक बार फिर से ज्योतिषी वाले बयान को दोहराया है जब उनसे तेजस्वी के सीएम बनने पर सवाल किया गया।

उधर, इस पुरे मामले को लेकर जेडीयू की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी में सब ठीक चल रहा है। ललन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ना है, इसलिए वे अध्यक्ष पद के लिए समय नहीं दे पाएंगे। इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि पार्टी में किसी तरह की कोई टूट नहीं हुई है। नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच नाराजगी की खबरों को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।

अध्यक्ष पद से इस्तीफा के बाद ललन सिंह की पहली प्रतिक्रिया, नीतीश कुमार के लिए कही ये बात

बिहार में ललन सिंह को लेकर पिछले एक हफ्ते से चल रही खबरों पर आखिरकार मुहर लग गई. शुक्रवार को दिल्ली में हुई जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक में ललन सिंह को पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी से उतार दिया गया. बैठक में नीतीश कुमार को ही पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ललन सिंह के इस्तीफे पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. लोग अब ललन सिंह के अगले कदम को लेकर कयास लगा रहे हैं. वहीं इस्तीफा देने के बाद अब ललन सिंह की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है. ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल में भी बदलाव कर लिया है।

अब ललन सिंह ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल की प्रोफाइल में बदलाव करते हुए उन्होंने नेशनल प्रेसिडेंट शब्द को हटा दिया. उन्होंने खुद को ‘लोकसभा में जेडीयू का नेता’ लिखा है. पहले उनके आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर जेडीयू का नेशनल प्रेसिडेंट लिखा था. इस्तीफे के बाद ललन सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से जुड़ीं कई तस्वीरें शेयर की हैं।

इन तस्वीरों को शेयर करते हुए ललन सिंह ने लिखा कि जनता दल (यूनाइटेड) के सर्वमान्य नेता और बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बहुत-बहुत बधाई. पूरा जनता दल (यूनाइटेड) परिवार लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आपके प्रयासों के साथ है. हमें पूरा भरोसा है कि आपके नेतृत्व में पार्टी कामयाबी के नए मापदंड स्थापित करेगी।

चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ना है : सीएम नीतीश

नीतीश कुमार ने बैठक में पार्टी नेताओं से कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव हमलोगों को मजबूती से भाजपा के खिलाफ लड़ना है। देश की हालत आज ठीक नहीं है। इतिहास को बदला जा रहा है। शीतकालीन सत्र में सांसदों को किस तरह से निलंबित किया गया, यह सबने देखा है।

जातीय गणना को मुख्य मुद्दा बनाना है :

मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय गणना को लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाना है। हमने इंडिया गठबंधन की बैठक में भी इस बात को रखा है, जिस पर सभी ने सहमति दी है। उन्होंने आगे कहा कि ललन सिंह कई महीनों से हमें कह रहे थे कि अध्यक्ष पद से उन्हें मुक्त किया जाये। लोकसभा प चुनाव के दौरान उन्हें प्रचार-प्रसार में ज्यादा समय देना है। इनकी इक्षा भी नही थी अध्यक्ष बनने की। पर, मेरे आग्रह पर इन्होंने वर्ष 2021 में अध्यक्ष पद संभालाना स्वीकार किया था।

नीतीश के अध्यक्ष बनने से पार्टी और मजबूत होगी: ललन

जदयू के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं। उनके अध्यक्ष बनने से निश्चित रूप से पार्टी और मजबूत होगी। दिल्ली में वह मीडिया से बात कर रहे थे। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि जदयू पूरी तरह एकजुट है और आगे भी पार्टी एक रहेगी। पार्टी को लेकर भाजपा के नेता क्या बोलते हैं, इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।