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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में Sachin Tendulkar से लेकर Saina Nehwal तक पहुंचे खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ी

अयोध्या नगरी में प्रभु श्री राम अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं। पूरे देश में प्रभु श्री राम के आने पर जश्न मनाया जा रहा है। खेल जगत के कई दिग्गज खिलाड़ी भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने के लिए अयोध्या पहुंचे। ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले Sachin Tendulkar, साइना नेहवाल, वेंकटेश प्रसाद, मिताली राज समेत कई खिलाड़ी इस भव्य समारोह में शामिल हुए।

सचिन-कुंबले समेत ये क्रिकेटर्स आए नजर

सचिन तेंदुलकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियो में सचिन कुर्ते-पजामे में नजर आए। मास्टर ब्लास्टर ने गले में रामनामी भी धारण की हुई थी। वहीं, वेंकटेश प्रसाद ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह अपने परिवार संग जय श्री राम के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

वेंकटेश ने लिखा, “एक ही नारा एक ही नाम, जय श्री राम है जय श्री राम। अयोध्यापति श्री रामचंद की जय।” अनिल कुंबले भी अपनी वाइफ के साथ अयोध्या नगरी पहुंचे और उन्होंने अपनी तस्वीर एक्स अकाउंट पर शेयर की।

साइना नेहवाल-मिताली भी पहुंचीं

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी रामलला के दर्शन पाने के लिए अयोध्या पहुंचीं। इसके साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मिताजी राज ने भी इस भव्य समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

साइना ने पत्रकारों संग बातचीत करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह हम सभी के लिए बहुत बड़ा दिन है। मैं काफी भाग्यशाली हूं कि मुझे यहां पर आज आने का मौका मिला। हमको भगवान राम के दर्शन करने का मौका मिलेगा। हम उस पल का इंतजार कर रहे हैं। मैं शब्दों में अपनी खुशी बयां नहीं कर सकती हूं।”

बिहार के युवा क्रिकेटर ने तोड़ा सचिन का रिकॉर्ड, 1 साल में ठोका 49 शतक, 12 साल में खेल रहा रणजी

बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों मुंबई बनाम बिहार रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन हो रहा है. पहले दिन मोइन उल हक स्टेडियम में इस मैच का लुक उठाने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. खेल के प्रति प्रेम देखकर मुंबई टीम के कप्तान और इंडिया टीम से खेल चुके अर्जेंट के रहने ने भी कहा कि बिहार में क्रिकेट प्रेमियों की कोई कमी नहीं है. इसी बीच बिहार टीम से रणजी ट्रॉफी में पहली बार डेब्यू करने वाले वैभव सूर्यवंशी को लेकर जोर जोर से चर्चा तेज हो गई है।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार वैभव सूर्यवंशी के पिता किसान है और उसने सचिन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दैनिक भास्कर लिखता है कि सचिन तेंदुलकर से कम उम्र में डेब्यू करके वैभव सूर्यवंशी ने नया कीर्तिमान रच दिया है और उसने एक साल में 49 शतक ठोका है. वैभव सूर्यवंशी की उम्र दैनिक भास्कर ने रणजी ट्रॉफी डेब्यू के समय 12 साल 284 दिन बताया है. कहां जाता है कि सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 232 दिन की उम्र में डेब्यू किया था.

हमने जब वैभव सूर्यवंशी के साथ मैच प्रैक्टिस करने वाले और रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले कई खिलाड़ियों से संपर्क किया तो उन्होंने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि वैभव सूर्यवंशी ने अपना एज छुपाया है. उसे देखकर लगता है कि वह 16 से 17 साल का है. हालांकि वह अच्छा खेलता है उसमें कोई दो राय नहीं है. अब वास्तविकता क्या है यह तो जांच का विषय है।

वैभव सूर्यवंशी समस्तीपुर के ताजपुर के हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। एक साल में विभिन्न स्तर के मैचों में 49 शतक बना चुके हैं।पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। इतनी कम उम्र में रणजी का मैच खेल रहा है, मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं चाहता हूं कि वह अच्छा खेलकर बिहार का नाम रोशन करे। मैं एक किसान हूं। शुरू से ही चाहता था कि मेरा बेटा एक क्रिकेटर बने। वैभव खाने के काफी शौकीन हैं।

वैभव ने बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी। शुरू से ही लेदर बॉल से प्रैक्टिस करता आया है। 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।उनके पिता ने बताया कि घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलाते थे। वैभव में बचपन से ही सीखने की ललक थी, कुछ भी बताता तो एक बार में ही समझ जाता। इसी चीज को देखते हुए क्रिकेट में आगे बढ़ाया। सुबह स्कूल से आने के बाद थोड़ा देर रेस्ट करके, वह दिनभर प्रैक्टिस करता रहता था।

7 साल की उम्र में पिता समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर उनके पिता उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए।10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में रन बनाने भी शुरू कर दिए। उनके पिता ने कहा कि उसी मेहनत का परिणाम है कि वह आज बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ियों के सामने खेल रहा है।

वैभव पिछले 1 साल में 49 शतक और 3 दोहरा शतक जमा चुके हैं। पिछले साल हुए हेमन ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग में सबसे ज्यादा 670 रन बनाए। जिसमें तीन शतक और तीन अर्धशतक था। परफॉरमेंस को देखते हुए बीसीए के पदाधिकारियों ने वैभव को एक मौका दिया।

अक्टूबर 2023 में वीनू मांकड़ टूर्नामेंट के अंडर-19 में वैभव का सिलेक्शन हुआ। चंडीगढ़ में आयोजित टूर्नामेंट में बिहार की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 393 रन बनाए, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक था।इसके बाद वैभव को सीके नायडू ट्राफी के लिए बेंगलुरु भेज दिया गया। बेंगलुरु में ही उनका सिलेक्शन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया। फिर वहीं से गुवाहाटी गए। इस खेल के बाद उनका सिलेक्शन अंडर-19 इंडिया के लिए हो गया।

आंध्र प्रदेश में हुए इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 50 रन बनाए। अन्य टीमों के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। फिर कूच बिहार ट्रॉफी के लिए जमशेदपुर भेज दिया गया, जहां उन्होंने मैच में शतक जड़ा। इसके बाद आज वह रणजी में खेल रहे हैं।

अफ्रीकी जमीं पर जो कारनामा नहीं कर पाए सचिन, कपिल और सौरव जैसे दिग्गज, क्या रोहित शर्मा रचेंगे इतिहास?

क्रिकेट प्रेमियों के इंतजार इंतजार का पल समाप्त होने के बेहद करीब है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मंगलवार (26 दिसंबर) से दो मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है। क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में अफ्रीकी जमीं पर भारतीय टीम का इतिहास बेहद भयावह है। ब्लू टीम ने प्रोटियाज के खिलाफ उनके घर में अबतक कुल 23 टेस्ट मुकाबले खेले हैं। इस बीच महज चार मुकाबलों में जीत मिली है। इसके अलावा सात मैच ड्रा हुए हैं, जबकि 12 मैचों में मेजबान टीम को जीत मिली है।

भारतीय टीम साल 1992 से दक्षिण अफ्रीका के साथ टेस्ट सीरीज में शिरकत कर रही है। इस बीच देश के कई दिग्गजों ने अफ्रीकी दौरे पर भारतीय की अगुवाई की, लेकिन कोई भी खिताब नहीं जीता सका। आगामी सीरीज से पहले भारतीय टीम को रोहित शर्मा से काफी उम्मीदें हैं। मौजूदा टीम में कई ऐसे धुरंधर खिलाड़ी मौजूद हैं जो इतिहास बदलने का माद्दा रखते हैं।

भारतीय टीम ने अबतक आठ बार टेस्ट क्रिकेट के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया है। इस दौरान उसे अफ्रीकी जमीं पर पहली जीत साल 2006 में मिली। वह जोहान्सबर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल करने में कामयाब रही थी।

साल 2010-11 में भारतीय टीम ने अफ्रीकी टीम को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन वह सीरीज जीतने में नाकामयाब रही। नतीजा यह रहा कि सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म हुआ। यह पहली बार हुआ था जब भारतीय टीम ने अफ्रीकी जमीं पर टेस्ट सीरीज को ड्रा कराया था।

दक्षिण अफ्रीकी जमीं पर भारत का इतिहास:

साल 1992/93 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 1-0 से

साल 1996/97 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 2-0 से

साल 2001/02 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 1-0 से

साल 2006/07 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 2-1 से

साल 2010/11 – तीन मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रा

साल 2013/14 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 1-0 से

साल 2017/18 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 2-1 से

साल 2021/22 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 2-1 से

साल 2021/22 – दक्षिण अफ्रीका की जीत – 2-1 से

 

भारतीय टीम ने अफ्रीकी जमीं पर अबतक कुल चार मुकाबलों में जीत हासिल की है। ये जीत राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की अगुवाई में आए हैं। साल 2006 में भारतीय टीम को पहली सफलता द्रविड़ की अगुवाई में हासिल हुई थी। दूसरी बार भारतीय टीम अफ्रीकी टीम को उनकी जमीं पर धोनी की अगुवाई में साल 2010 में पटखनी देने में कामयाब हुई थी।

विराट कोहली देश के एकलौते कप्तान हैं जिनकी अगुवाई में भारतीय टीम को अफ्रीकी जमीं पर टेस्ट क्रिकेट में दो जीत मिले हैं। उनकी अगुवाई में ब्लू टीम को पहले साल 2018 में 123 रन से जीत मिली। उसके बाद वह साल 2021 में 87 रन से भारतीय टीम को जीत दिलाने में कामयाब रहे।

टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय स्क्वॉड:

रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, अभिमन्यु ईश्वरन, केएल राहुल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जसप्रीत बुमराह (उपकप्तान), प्रसिद्ध कृष्णा और केएस भरत (विकेटकीपर)।

धोनी का जर्सी नंबर हुआ रिटायर, BCCI को क्यों लेना पड़ा यह फैसला?

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बारे में कौन नहीं जानता है। 42 वर्षीय माही ने भारतीय टीम को आईसीसी के लगभग सभी बड़े खिताब जिताए हैं। यही नहीं उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई महत्वपूर्ण दौरों पर भी अपना परचम लहराया। यही वजह है कि पूरी दुनिया उनकी कप्तानी और खेल का लोहा मानती है।

धोनी ने भारतीय टीम के लिए जबतक शिरकत की, तबतक वह सात (7) नंबर की जर्सी में खेले। क्रिकेट में माही के अतुलनीय योगदान को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने उन्हें खास सम्मान से नवाजने का फैसला लिया है। बोर्ड ने धोनी के जर्सी नंबर को रिटायर करने का निर्णय लिया है। यानी माही के बाद अब कोई भारतीय टीम में जर्सी नंबर सात का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

यह पहला मामला नहीं है जब किसी खिलाड़ी के जर्सी नंबर को रिटायर करने का फैसला लिया गया है। धोनी से पहले खेल जगत में ‘क्रिकेट के भगवान’ के भगवान के रूप में मशहूर सचिन तेंदुलकर के जर्सी नंबर को रिटायर किया जा चुका है। तेंदुलकर भारतीय टीम के लिए 10 नंबर की जर्सी के साथ मैदान में उतरते थे।

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ हुई बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय टीम के मौजूदा खिलाड़ियों को सूचित कर दिया गया है कि धोनी की जर्सी नंबर-7 का उपयोग अब निषिद्ध है।

टीम में एंट्री करने वाले नए खिलाड़ियों को अब जर्सी नंबर 7 और 10 का ऑप्शन नहीं दिया जाएगा। बॉर्ड ने भारतीय क्रिकेट में धोनी के योगदान के योगदान को देखते हुए उनके प्रति सम्मान के रूप में यह फैसला लिया है।

भारतीय खिलाड़ी शुभमन गिल अब नहीं तोड़ पाएंगे सचिन का ये बड़ा रिकॉर्ड, इतने करीब पंहुचे गए थे; पढ़े पूरी रिपोर्ट

भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने साउथ अफ्रीका दौरे पर खेली जाने वाली 3 मैचों वनडे सीरीज के लिए जिस टीम का ऐलान किया है, उसमें ओपनिंग बल्लेबाज शुभमन गिल का नाम शामिल नहीं है। हालांकि गिल को साल 2024 में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए टी20 सीरीज के लिए टीम में जरूर शामिल किया गया है। इस साल शुभमन गिल का वनडे में बल्ला जमकर बोलता हुआ दिखाई दिया है, जिसमें उन्होंने कुछ नए कीर्तिमान जरूर बनाए हालांकि अब वह सचिन तेंदुलकर के एक बड़े रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब नहीं हो सकेंगे।

वनडे में एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन

वनडे फॉर्मेट में एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने साल 1998 में 65.31 के औसत से 1894 रन बनाए थे। वहीं इस साल गिल जिस फॉर्म में दिखे उससे सभी को उम्मीद थी कि वह सचिन के इस कीर्तिमान को जरूर तोड़ देंगे, लेकिन वनडे वर्ल्ड कप में गिल जहां शुरुआती 2 मैचों में नहीं खेल सके। वहीं 9 मैचों में वह 44.25 के औसत से 354 रन ही बनाने में कामयाब हो सके। इसके बाद अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में गिल का चयन नहीं होने से ये तय हो गया है कि अब वह सचिन के इस बड़े रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाएंगे। गिल ने इस साल अब तक वनडे में 29 पारियों में 63.36 के औसत से 1584 रन बनाए हैं और इस दौरान उन्होंने पांच शतकीय और 9 अर्धशतकीय पारियां भी खेली हैं।

टेस्ट सीरीज में रहेगी गिल के प्रदर्शन पर सभी की नजरें

साउथ अफ्रीका के दौरे पर टीम इंडिया को 2 मैचों की टेस्ट सीरीज भी खेलनी है और ऐसे में शुभमन गिल के प्रदर्शन पर सभी की नजरें रहने वाली हैं। गिल ने टेस्ट में अपना आखिरी शतक इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के दौरान लगाया था। इसके बाद से गिल अब तक पांच पारियों में 50 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके हैं। वेस्टइंडीज के दौरे पर गिल को खेले गए दोनों ही मैचों में नंबर-3 की पोजीशन पर भेजा गया था और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी उन्हें इसी नंबर पर खिलाए जाने की उम्मीद है।