तीन अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करने वाले भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने पांच दिन बाद अपना फैसला वापस ले लिया है। अब वह क्रिकेट खेलते रहेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मनोज तिवारी ने यह फैसला बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष से बातचीत के बाद लिया है।
सीएबी ने की थी रिक्वेस्ट
बताया जा रहा है कि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष स्नेहासिस गांगुली ने मनोज तिवारी से चर्चा कर उनसे फैसला वापस लेने की मांग की थी। क्योंकि वह बंगाल टीम के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी कप्तानी में ही बंगाल लास्ट सीजन में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था। ऐसे में उन्होंने मनोज तिवारी से आगे भी खेलने की अपील की थी। जिसे उन्हें मान लिया है।
मिडिल ऑर्डर में खेलते हैं तिवारी
दरअसल, माना जा रहा है कि मनोज तिवारी के जाने से बंगाल की टीम का मिडिल ऑर्डर कमजोर होगा, जबकि कप्तानी के तौर पर उनका विकल्प अभी तैयार नहीं है। ऐसे में बंगाल क्रिकेट संघ ने उनसे आगे खेलने की अपील की है। जिसके बाद ही मनोज ने अपना फैसला बदला है। वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी देंगे।
राजनीति में भी एक्टिव हैं मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने 2015 में टीम इंडिया की तरफ से अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला था। उसके बाद से ही टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे। हालांकि इस बीच घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। इस साल रणजी ट्रॉफी में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की थी। खास बात यह है कि मनोज तिवारी राजनीति में भी एक्टिव हैं, वह विधायक होने के साथ-साथ ममता सरकार में खेल मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
ऐसा रहा मनोज तिवारी का करियर
बता दें कि मनोज तिवारी को टीम इंडिया का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा था। लेकिन चोट की वजह से उनके करियर पर काफी असर पड़ा। तिवारी ने टीम इंडिया की तरफ से 12 वनडे मैचों की 12 पारियों में 287 रन बनाए है। जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने एक मात्र टी-20 मैच में 15 रनों की पारी खेली थी।
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