केंद्रीय मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने यूरिया पर दी जा रही सब्सिडी को अगले तीन वर्षों के लिए जारी रखने का फैसला लिया है। ये सब्सिडी वित्तवर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 तक दी जाएगी। इस पर 3.68 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। इस एलान के बाद किसानों को 45 किलो यूरिया की बोरी 242 रुपये में मिलती रहेगी। इस दाम में टैक्स और नीम कोटिंग का शुल्क शामिल नहीं है।
कैबिनेट ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल घटाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने को लेकर बुधवार को नई योजना पीएम-प्रणाम को मंजूरी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में पीएम प्रणाम यानि धरती की पुनर्स्थापना, जागरूकता, सृजन, पोषण व सुधार के लिए योजना लागू करने की घोषणा की थी।
बैठक के बाद उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि केंद्र राज्यों को वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग कम करने कोे प्रोत्साहन देगा। कहा, अगर 10 लाख टन परंपरागत उर्वरक का उपयोग करने वाला राज्य इसकी खपत में तीन लाख टन की कमी लाता है, तब 3,000 करोड़ की सब्सिडी की बचत होगी। इस बची हुई सब्सिडी में से 50 यानि 1,500 करोड़ रुपये उस राज्य को वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और अन्य विकास कार्यों के लिए दिए जाएंगे।
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