अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन देश भर की अदालतों में छुट्टी की मांग वकीलों ने की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। लेटर में कहा गया है कि 22 जनवरी के दिन सुप्रीम कोर्ट, देश के सभी हाई कोर्ट और जिला अदालतों में छुट्टी घोषित की जाए।

बार काउंसिल ने दिया ये तर्क

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, 22 जनवरी को छुट्टी मिलने से वकीलों और अदालत के कर्मचारियों को अयोध्या और देश भर में अन्य संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेने या देखने का मौका मिलेगा। उन्होंने पत्र में आगे कहा कि तत्काल सुनवाई की आवश्यकता वाले मामले को विशेष व्यवस्था द्वारा समायोजित किया जा सकता है या अगले कार्य दिवस के लिए पुनर्निर्धारित किया जा सकता है।

चीफ जस्टिस से लोगों की भावनाओं के अनुरूप छुट्टी देने की अपील

बार काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस से प्रार्थना करता हूं कि आप इस अनुरोध पर पूरी सहानुभूति के साथ विचार करेंगे और इस ऐतिहासिक अवसर को लोगों की भावनाओं के अनुरूप मनाने के लिए उचित कदम उठाएंगे।

7000 से ज्यादा लोग कार्यक्रम में होंगे शामिल

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां अयोध्या में जोरों पर हैं। इसमें पीएम मोदी, सीएम योगी समेत देश भर के राजनेताओं, संतों और मशहूर हस्तियों सहित 7,000 से अधिक लोगों के भव्य उद्घाटन में शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे, जिसमें विभिन्न देशों के करीब 100 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

गर्भ गृह में लगाए गए हैं सोने के दरवाजे

सोमवार को मंदिर ट्रस्ट की घोषणा के अनुसार, भगवान श्री रामलला सरकार के गर्भगृह में सभी स्वर्ण दरवाजों की स्थापना पूरी हो चुकी है। समारोह से पहले सात दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से अयोध्या में शुरू हुआ। मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित राम लला को स्थापना के लिए चुना गया है।