पटना टू रांची जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर बिहार के लोगों में जबरदस्त दीवानगी देखने को मिल रही है. कल जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रांची से पटना के लिए रवाना किया तो जगह-जगह इस ट्रेन का भव्य स्वागत किया गया. आज से इस ट्रेन का पटना टू रांची और रांची टू पटना के लिए नियमित परिचालन शुरू हो रहा है. रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पटना से रांची जाने वाली पहली ट्रेन यात्रा के दौरान सभी टिकट फुल हो चुकी है. एक भी सीट अवेलेबल नहीं है. पटना जंक्शन पर कई ऐसे रेलवे यात्री मिले जिन्हें इस बात का मलाल था कि टिकट ना होने के कारण हुए वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर नहीं कर पाएंगे।

पटना से यात्रियों को बुधवार को लेकर वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी पहली यात्रा पर निकलेगी। ट्रेन में पहले दिन पटना से रांची आने-जाने की बुकिंग फुल हो चुकी है। पटना से एक्जीक्यूटिव क्लास (ईसी) में चार वेटिंग है, जबकि चेयर कार (सीसी) में 18 वेटिंग है।

वहीं 29 जून को भी बुकिंग की मारामारी है। पटना से रांची जाने में दूसरे दिन सीसी में मात्र 118 सीटें खाली हैं, जबकि ईसी की मात्र 12 सीटें खाली हैं। रांची से पटना आने के क्रम में शुरुआती दो दिनों में यात्रियों में उत्साह दिख रहा है। पहले दिन रांची से पटना आने में ट्रेन में सीसी में 18 वेटिंग है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास में 6 वेटिंग है। 29 जून को यानि दूसरे दिन रांची से पटना आने में सीसी में 188 सीटें खाली हैं, वही ईसी में मात्र दो सीटें ही खाली बची हैं। दोनों राज्यों के यात्रियों में पटना-रांची वंदेभारत को लेकर काफी उत्साह दिख रहा है।

पटना से खुलने के बाद सीधे गया में रुकेगी

ट्रायल रन के दौरान पटना से रांची के बीच इस ट्रेन का जहानाबाद में ठहराव दिया गया था। लेकिन अंतिम रूप से यह तय हुआ कि पटना से खुलने के बाद यह ट्रेन सीधे गया ही रुकेगी। आने के दौरान भी यह गया से खुलने के बाद सीधे पटना जंक्शन आयेगी।

पटना से रांची जाने वाली जन शताब्दी वंदे भारत से पहले खुलेगी। इस वजह से यह ट्रेन कोडरमा में वंदे भारत से आगे पहुंचेगी। कोडरमा से दोनों ट्रेनों का रास्ता बदल जाएगा। इससे वंदे भारत के तेज गति से चलने के बावजूद अब जन शताब्दी इसकी राह में बाधा नहीं बनेगी। गौरतलब है कि दूसरे ट्रायल रन के दौरान जन शताब्दी की वजह से इस ट्रेन की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी थी।