प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में आज दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना का उद्घाटन किया। उन्होंने खाद्यान्न वितरण के लिए 11 राज्यों में 11 पैक्स गोदामों का शुभारंभ किया और 500 पैक्स में गोदामों के निर्माण की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज भारत मंडपम ‘विकसित भारत’ की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन रहा है।   सहकार से समृद्धि का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं।

खेती किसानी को मजबूत करने में सहकारिता की अहम भूमिका-पीएम मोदी

उन्होने कहा कि खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है, इस सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।   आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत देश के कोने-कोने में हजारों वेयर हाउसेस बनाए जाएंगे, हजारों गोदाम बनाए जाएंगे।   आज 18 हजार PACS के computerisation का बड़ा काम भी पूरा हुआ है।

सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं बल्कि भावना है-पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं है, सहकारिता एक भावना है, एक spirit है।   सहकारिता की ये spirits कई बार व्यवसायों और संसाधानों की सीमाओं से परे आश्चर्यजनक परिणाम देती हैं। सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है।  ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है।

सहकारिता की नीतियों में महिलाओं को प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में भी डेयरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्या में महिलाएं ही हैं।  महिलाओं के इसी सामर्थ्य को देखते हुए सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों में उन्हें प्राथमिकता दी है।