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कोर्ट ने कहा कि एसआईटी बंगाल सरकार को रिपोर्ट नहीं करेगी। बंगाल पुलिस को एसआईटी के दस्वाजे देने होंगे।यानी बंगाल पुलिस को केस डायरी टीम को सौंपने होगी।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारियों पर हुए हमले मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है. अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए उच्च न्यायालय ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. कोर्ट ने साफ किया है कि इसमें बंगाल पुलिस शामिल नहीं होगी. इस टीम में CBI के कुछ अधिकारी शामिल हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि एसआईटी बंगाल सरकार को रिपोर्ट नहीं करेगी. बंगाल पुलिस को एसआईटी के दस्वाजे देने होंगे. यानी बंगाल पुलिस को केस डायरी टीम को सौंपने होगी।

बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 15 जनवरी (सोमवार) को बंगाल के प्रशासनिक अमलें पर तीखी टिप्प्णी की थी. हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से स्पष्ट रूप से कहा कि अगर राज्य न्याय चाहता है तो संवेदनशीली हमले के आरोपियों को फौरन गिरफ्तार करें. ईडी अधिकारियों पर हमले के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां 5 जनवरी से फरार है. अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. यह बेहद ही संवेदनशील मामला है. जस्टिस जय सेनगुप्ता ने ईडी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए किशोर दत्ता से कहा कि यदि आप न्याय करना चाहते हैं तो आरोपी को गिरफ्तार करें और जांच सीबीआई को सौंप दें।

जज ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
जस्टिस जयसेन गुप्ता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हुए पूछा कि दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास के लिए सजा) को शामिल क्यों नहीं किया. इस पर महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि घायल ईडी अधिकारियों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज हुई थी. अधिकारियों ने ये आरोप लगाया था कि भीड़ ने उन्हें धक्का दिया था. इसमें सीधे तौर पर शेख शाहजहां के नाम नहीं था. हालांकि, किशोर दत्ता ने कहा कि राज्य पुलिस की टीम तीन बार शेख शाहजहां के घर पहुंची, लेकिन हर बार उन्हें घर पर ताला लगा मिला था।


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