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शहर की सड़कों पर पूरी रात आस्था का सैलाब रहा। परबत्ती चौक से विसर्जन शोभायात्रा की विधिवत शुरुआत हुई। मंजिल छह किलोमीटर दूर विसर्जन घाट है, मगर वहां तक पहुंचने में 24 घंटे सेज्यादा लगेंगे। प्रतिमाओं के साथ चल रहा श्रद्धालुओं का कारवां भक्ति-रस में सराबोर है। परबती से तातारपुर होते हुए स्टेशन चौक तक शोभायात्रा की शोभा से शहर सुशोभित रहा। रात में ही शोभायात्रा स्टेशन चौक से आगे निकल गई।

सालों से आ रही परंपरा के अनुसार भव्य शोभायात्रा का नजारा एकबार फिर लोगों को देखने को मिला। मंगलवार शाम में विसर्जन शोभा यात्रा शुरू होने के बाद सड़क पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। विसर्जन जुलूस के दौरान श्रद्धालुओ ने पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र के साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान रह-रहकर मां काली के जयकारे लगते रहे। जगह-जगह मां की आरती उतारी गयी और उनको जल अर्पण किया गया। जुलूस में महिलाओं व बच्चों की भीड़ रही। शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को जगह-जगह पुलिस कर्मियों और दंडाधिकारियों की तैनाती की गयी थी।

स्टेशन चौक पर मेयर व पूर्व मेयर ने आरती की

परबत्ती की काली प्रतिमा के स्टेशन चौक पर पहुंचने के बाद मेयर डॉ. बसुन्धरा लाल और पूर्व मेयर डॉ. वीणा यादव ने आरती थी। इुस दौरान काली पूजा महासमिति में विवाद भी देखने को मिला। डीएम,एसएसपी, एसडीओ, सिटी डीएसपी सहित अन्य पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं। दक्षिण की तरफ से आने वाली प्रतिमाओं को रोक दिया गया। बुढ़िया काली परबत्ती पूजा समिति और केंद्रीय काली पूजा महासमिति के सदस्यों के बीच कहासुनी पूजा समिति के सदस्यों को मंच नहीं मिलने की वजह से हुआ।

मां काली की विसर्जन शोभायात्रा में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। परबत्ती चौक पर बुढ़िया काली को जल चढ़ाने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं अपने-अपने घरों से जल लायीं और मां का पैर धोया। विसर्जन के दौरान मां को देखते हुए हर आंखें नम थी और अगले साल जल्दी आने की कामना कर रही थी। परबत्ती की बिन्दु यादव ने बताया कि महिलाओं ने प्रतिमा से सिंदूर लिया। परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। शोभायात्रा की शोभा ने शहर की आभा बदल दी।

वहीं अध्यक्ष ज्योतिष मंडल ने बताया कि शनिवार को सात बजे प्रतिमा को बेदी से विसर्जन के लिए उतारा गया। उसके बाद प्रतिमा लगभग रात 815 बजे परबत्ती चौक पर पहुंची थीं। यहां से लगभग नौ बजे प्रतिमा आगे बढ़ी। बुधवार को शाम दोपहर तीन बजे से प्रतिमा का विसर्जन घाट पहुंचने की संभावना है। शाम सात बजे तक मां की प्रतिमा का विसर्जन हो जाएगा। इससे पूर्व विसर्जन शोभायात्रा की शुरुआत परबत्ती से संरक्षक कामेश्वर यादव ने की। वो खुद सजधज कर रथ पर तलवार लेकर चल रहे थे। एक बुजुर्ग महिला चुनिया देवी ने जब तलवार भांजना शुरू किया तो सभी लोग दंग रह गये। मां काली-मां काली के नारे के बीच उन्होंने करतब दिखाये। विसर्जन शोभायात्रा में बैंड बाजे के साथ मां काली की प्रतिमा आगे बढ़ी। पूरा क्षेत्र मां काली के नारे से गुंजायमान हो रहा था।

नाथनगर में देर रात 28 प्रतिमाएं की गई विसर्जित

नाथनगर। शहरी व ग्रामीण इलाके में स्थापित में कुल 28 काली प्रतिमाओं का विसर्जन मंगलवार देर रात तक शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। सिर्फ बहवलपुर की प्रतिमा का विसर्जन बुधवार देर रात तक मधुसुदनपुर थाना क्षेत्र के कंझिया बाईपास के रास्ते किया जाएगा। वहीं चंपानगर बंगाली समुदाय की तीन प्रतिमाओं में श्यामा काली व मसकन बरारीपुर काली का मकदुमसाह दरगाह घाट में और बुढ़िया काली का विसर्जन बंगाली टोला घाट में किया गया।

जबकि शहरी इलाके की मालाकार काली, पासीटोला काली, सोसाईटी काली, पीपलगाछ काली, सोरा टोली काली, केबीलाल रोड की एक, दो व तीन काली, खटिक टोला काली, राजपुत टोला काली, पीपरपांती काली, ललमटिया काली, नसरतखानी काली, जंगली काली सहित 16 प्रतिमाओं का विसर्जन देर रात तक चंपापुल घाट पर किया गया। उधर सुदूर ग्रामीण इलाके की नौ प्रतिमाओं का विसर्जन स्थानीय ग्रामीण पोखरों में हुआ। विसर्जन के दौरान जय काली के जयकारे से पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा। मां काली की विदाई व दर्शन को ले सड़कों पर लोगों की भीड़ रही। जगह-जगह महिला महिलाएं देवी को खोइंचा दे रही थी व आरती की जा रही थी। विसर्जन के दौरान ललमटिया चौक से चंपापुल घाट तक पुलिस जवान तैनात दिखे। शांति व सुरक्षा के मद्देनजर नाथनगर थानाध्यक्ष महताब खान, मधुसुदनपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार,ललमटिया थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार, पूजा समिति अध्यक्ष पप्पू यादव, महामंत्री देवाशीष बनर्जी, उपाध्यक्ष भवेश यादव, जियाउर राहमान, संजय कुमार यादव, अब्दुल करीम, अशोक राय आदि उपस्थित थे।

मदनीनगर चौक पर मेढ़पति के लिए सम्मान समारोह आयोजित वहीं नाथनगर पुलिस और शांति समिति के सदस्यों के संयुक्त सहयोग से मदनी नगर चौक पर मेढ़पतियों के सम्मान के लिए समारोह आयोजित किया गया। जिसमे मेयर डॉ.वसुंधरा लाल, डॉ.बिहारी लाल, शिक्षाविद राजीवकांत मिश्रा, सीओ नाथनगर स्मिता झा आदि ने मौजूद रहकर जो पूजा समिति के लोगों ने अपने निर्धारित समय पर।विसर्जन किया उन्हे सम्मानित किया। मौके पर संजय कुमार यादव, राहुल यादव, पार्षद मनीष यादव, अय्याज, हाजी कलीम, सिकंदर, अब्दुल करीम, नीलम देवी आदि मौजूद थी।

मंगलवार की देर रात स्टेशन चौक पर स्थित मां काली प्रतिमा उठाने के दौरान पान के पत्ते से गलशेदी करतीं महिलाएं।

मेला देखने उमड़ी भीड़ सभी तरह की दुकानें सजीं

स्टेशन चौक पर विसर्जन शोभायात्रा देखने के लिए दूर-दराज से लोग भागलपुर पहुंचे थे। इसके अलावा वेरायटी चौक, खलीफाबाग आदि जगहों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ थी। देर रात तक चाट, चाउमीन, आइसक्रीम, खिलौने आदि की अच्छी बिक्री हुई। बांका की सुनीता देवी ने बताया कि वह छठ व्रत के लिए गंगा स्नान करने भागलपुर पहुंची है।

इन मार्गों से होकर गुजरेंगी प्रतिमाएं

सभी प्रतिमाएं सबसे पहले स्टेशन चौक पहुंची। इसके बाद वेरायटी चौक, कोतवाली चौक, नया बाजार, बूढ़ानाथ चौक, आदमपुर चौक, खंजरपुर होते हुए काली घाट विसर्जन के लिए प्रतिमाएं पहुंचेगी। सभी प्रतिमाओं का विसर्जन बुधवार को देर रात तक होने की संभावना है। विसर्जन शोभायात्रा को लेकर प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गयी है।

स्टेशन चौक पहुंचने में 5 घंटे से अधिक समय लगा

परबत्ती की प्रतिमा को स्टेशन चौक पहुंचने में पांच घंटे से अधिक का समय लगा। एक से डेढ़ किलोमीटर से शोभायात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। युवाओं ने अपने कर्तव्यों से खूब वाहवाही लूटी। छह-सात किलोमीटर के विसर्जन मार्ग में मां काली की सभी प्रतिमाओं के विसर्जन में 30 घंटे से अधिक का समय लगने की संभावना है।

मंगलवार को बूढ़ानाथ घाट में कई प्रतिमाएं विसर्जित

मंगलवार को बूढ़ानाथ घाट के पास बने तालाब में मुंदीचक स्वर्णकार काली, मानिक सरकार स्थित हड़बड़िया काली व लहेरी टोला की प्रतिमा का विसर्जन हुआ। मुंदीचक होते स्टेशन चौक, वेरायटी चौक, खलीफबाग, नया बाजार होते हुए बूढ़ानाथ घाट पहुंची थी। महासमिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि यहां अच्छी व्यवस्था थी।

महासमिति की ओर से दो जगहों पर मां की आरती

काली महारानी महानगर केंद्रीय महासमिति के संरक्षक कमल जायसवाल ने बताया कि महासमिति की ओर से सबसे पहले मंगलवार को स्टेशन चौक पर परबत्ती की प्रतिमा की आरती उतारी गयी। इसके बाद आदमपुर में आरती उतारी जायेगी। इससे पहले खलीफाबाग चौक पर देर रात बुढ़िया काली व बमकाली का मिलन कराया गया।


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