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इसी बीच सोशल मीडिया पर राम मंदिर को लेकर एक खबर चल रही है। खबर में लिखा है कि राम मंदिर का निर्माण बाबरी मस्जिद से 3 किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है।

अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. 22 जनवरी को  श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के यजमान हैं. इसी कड़ी में 16 जनवरी से सात दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू हो गया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर राम मंदिर को लेकर एक खबर चल रही है.  खबर में लिखा है कि राम मंदिर का निर्माण बाबरी मस्जिद से 3 किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है।

मंगलवार को सोशल मीडिया पर ये खबर आग की तरह फैल गई. क्या सच में राम मंदिर का निर्माण मस्जिद से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूर पर हो रहा है. सोशल मीडिया X ( पहले ट्विटर) पर एक यूजर ने गूगल मैप का स्क्रीनशॉट शेयर कर लिखा ” राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर गूगल मैप दो अलग-अलग जगह दिखा रहा है. इसमें एक वो स्थान है जहां बाबरी मस्जिद थी और दूसरी जगह वो है जहां राम मंदिर बन रहा है. इससे साफ होता है कि दोनों की दूरी तीन किलो मीटर नहीं है. फैक्ट चेक में यह पाया गया कि वायरल खबर में जो दावा किया जा रहा है वह फर्जी है।

खबर झूठी और फर्जी निकली

फैक्ट चेक में सामने आया कि सोशल मीडिया पर गूगल मैप वाला जो स्क्रीनशॉट शेयर हो रहे हैं वह गलत है. वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि स्क्रीनशॉट में जो दिखाया जा रहा है कि मंदिर और मस्जिद की दूरी 3 किलोमीटर दूर किया गया है. यह दावा पूरी तरह गलत है. सच से इसका कोई लेनादेना नहीं है. इस तरह की खबर फैलाकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है. राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि पर ही हो रहा है।

संजय राउत ने कसा तंज
वहीं, इस खबर के वायरल होने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी कहा कि अगर 3 किलोमीटर दूर ही मंदिर बनाना था तो मस्जिद क्यों गिराई गई थी? हिंदू मुस्लिम के बीच खाई क्यों पाटनी थी. अब ये साफ हो गया है कि इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ राजनीति है।


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