पहाड़ी राज्यों ( हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) में बर्फबारी का दौर जारी है।इसका असर मैदानी इलाकों में साफ देखने को मिल रहा है।

पहाड़ी राज्यों ( हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर) में बर्फबारी का दौर जारी है. इसका असर मैदानी इलाकों में साफ देखने को मिल रहा है. मैदानी इलाकों खासकर उत्तर भारत के राज्यों के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों सर्दी हवाओं की चपेट में हैं. हालांकि दिल्ली-एनसीआर में बादल छाने की वजह से ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों की अपेक्षा न्यूनतम तापमान थोड़ा ज्यादा दर्ज किया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आज यानी शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में आसमान में बादल छाए रहेंगे. आकाश में छाए बादलों की वजह से यहां मिनिमम टेंपरेचर में थोड़ी वृद्धि देखी गई, जिसकी वजह से दिल्ली वालों को भीषण ठंड में थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग अभी भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड का मुकाबला कर रहे हैं. यूपी-बिहार के अधिकांश इलाकों में कल यानी शुक्रवार को शीत दिवस यानी कोल्ड डे की स्थिति बनी रही. यहां मिनिमम टेंपरेचर और शीत लहर ने लोगों की समस्या को और बढ़ा दिया. हालांकि बिहार में पिछले दो दिनों से धूप निकली है, लेकिन सूरज की तपिश भी लोगों को भीषण सर्दी में गर्माहट का अहसास नहीं करा पा रही है।

वहीं, उत्तराखंड में ठंड का सितम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहाड़ से मैदान तक ठंड से लोगों का जीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. मैदानी इलाकों में भी घने कोहरे और कम विसिबिल्टी की वजह से सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हरिद्वार में तो ठंड का आलम ये है कि जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है. प्रदेश के मैदानी इलाकों में गुरुवार को भी कोहरा छाया रहा. सुबह-शाम के साथ ही रात को कोहरा छाने से गलन वाली ठंड पड़ने लगती है. वहीं जनवरी का महीना खत्म होने वाला है और ये पूरा महीना भी बिना बारिश और बर्फबारी के गुजर रहा है. जनवरी में अब तक ऊंचाई वाले इलाकों में एक-दो दिन छोड़कर बारिश नहीं हुई है जिसके चलते मैदानी इलाकों में कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है।