खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में बनाया गया मंदिर दुनिया के हर मंदिर से अलग है।

मुख्य तथ्य

  • अबू धाबी में आज हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
  • यूएई के राष्ट्रपति के साथ आपसी कई मुद्दों पर करेंगे चर्चा
  • दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन को करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा का आज दूसरा दिन है. अपनी यात्रा के दूसरे दिन (बुधवार) पीएम मोदी अबू धाबी में यूएई के पहले मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से किया गया है. अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता से दुनियाभर के लोगों को लुभा रहा है. इस मंदिर का निर्माण 27 एकड़ में किया गया है. इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है।

यूएई में बनाए गए इस मंदिर को वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना माना जा रहा है. मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना का पवित्र जल बहता है, जिसे बड़े-बड़े कंटेनरों में भरकर भारत से संयुक्त अरब अमीरात भेजा गया था।

जानें अबू धाबी के मंदिर की खूबियां

खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में बनाया गया मंदिर दुनिया के हर मंदिर से अलग है. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास के मुताबिक, मंदिर के हर कोने में थोड़ा सा भारत दिखाई देता है. मंदिर में आपको वाराणसी के घाटों की भी झलक देखने को मिलेगी. 108 फीट ऊंचे इस मंदिर में 40,000 क्यूबिक फीट संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है. जबकगि 1,80,000 क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर और 18,00,000 ईंटें लगाई गईं हैं. इसके साथ ही मंदिर की सुरक्षा के लिए इसमें 300 सेंसर लगाए गए हैं।

‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में क्या बोले पीएम मोदी

मंगलवार (13 फरवरी) को संयुक्त अरब अमीरात की अपनी सातवीं यात्रा पर पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने द्विपक्षीय बैठक की. इसके बाद अहलान मोदी कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने यूएई में बीएपीएस मंदिर निर्माण के लिए यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद का आभार जताया. पीएम मोदी ने कहा कि, सात महीने में जायद के साथ मेरी ये पांचवीं मुलाकात है. मैं जब भी यहां आता हूं, तो ऐसा महसूस होता है, जैसे अपने परिवार के बीच हूं।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात का खुलासा किया कि, मैंने 2015 में सामान्य रूप से राष्ट्रपति से मंदिर के लिए आग्रह किया था. उन्होंने बिना देर किए कहा, जहां तक लकीर खींच दोगे, वह जगह मंदिर के लिए मिल जाएगी. यह भारत के प्रति आपका प्यार है।


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