जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने परिवारवाद और देश में डायरेक्ट इंट्री कर रहे नेताओं पर तंज कसते हुए कहा है कि देश में जो समान्य जनता है उसे लगता है कि हमें टीचर बनने के लिए,चपरासी बनने के लिए,साधारण नौकरी करने के लिए इतनी मेहनत करनी पड़ रही है,इधर आप देखेंगे कि नेता का लड़का आया और नेता बन गया. देश में आप देखेंगे कि ऐसे लोग जो डायरेक्ट नेता बने हैं,उनको असफलता ही हाथ लगी है. देश में पार्टियों का लीडर बन जाना कोई बड़ी बात नहीं है. देश में राहुल गांधी को आपने देखा होगा कि वो राजनीति में आए और कांग्रेस ने उन्हें अपना नेता मान लिया मगर देश ने भी उन्हें नेता मान लिया ऐसा नहीं है।

अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश की जनता नेता माने इसके लिए उन्हें अभी प्रयास करना पड़ेगा: प्रशांत किशोर।

अखिलेश यादव सपा के नेता हैं, मुलायम सिंह यादव के बाद वो नेता बन गए लेकिन आपने देखा होगा कि अखिलेश यादव के सपा के नेता बनने के बाद समाजवादी पार्टी आज तक लोकसभा हो या विधानसभा किसी भी जगह चुनाव नहीं जीत पाई है. समाजवादी पार्टी लास्ट चुनाव तब जीती थी जब मुलायम सिंह यादव सपा के नेता थे. जब से नेता जी नेता नहीं हैं, तब से अखिलेश यादव गठबंधन बना कर चुनाव लड़े हों या अकेले लड़ें हों कभी उनको सफलता नहीं मिली है. ये दिखाता है कि सपा के नेताओं ने उनको नेता मान लिया है मगर उत्तर प्रदेश की जनता ने नहीं माना है. उत्तर प्रदेश की जनता आपको नेता माने इसके लिए उन्हें प्रयास करना पड़ेगा. परिवारवाद को जनता अपने आप साइड कर देगी इसके लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।


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