इस साल जलस्तर नीचे जाने से राज्य के अधिकांश तालाब सूख गए हैं। इससे राज्य में लगभग 1200 करोड़ की मछली और मखाना के नुकसान का अनुमान है। राज्य में मछली का कारोबार सालाना लगभग नौ हजार करोड़ का होता है। नुकसान का आकलन जिलों से रिपोर्ट लेकर बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) ने किया है।

कॉफ्फेड के एमडी ऋषिकेश कश्यप ने बताया कि जलस्तर काफी नीचे चले जाने से बोरिंग भी फेल हो गए हैं। किसानों के पास तालाब में पानी भरने के कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। इस साल अप्रैल में पानी नहीं बरसा और तापमान बहुत अधिक रहा है। तीखी धूप और पछुआ हवा के कारण तालाब सूखे हैं। विभिन्न जिलों में 40 हजार से अधिक छोटे-बड़े तालाब सूख गए हैं। इससे लगभग 1100 करोड़ की मछली की क्षति हुई है। साथ ही मखाना की खेती भी प्रभावित हुई है।


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