शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का अच्छा तरीका है एक डिजिटल हाजिरी सिस्टम का उपयोग करना, जिसमें उनका उंगली स्कैन या अन्य बायोमेट्रिक विवरण रिकॉर्ड किया जा सकता है। यह सुरक्षित, स्वतंत्र और निर्भर करने वाला होता है।

राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी व्यवस्था और चुस्त-दुरुस्त की जा रही है। शिक्षा विभाग का निर्णय है कि अब बायोमेट्रिक हाजिरी बनेगी। इसकी शुरुआत राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों से होगी। इसके लिए जल्द बायोमेट्रिक मशीनें स्कूलों में लगाई जाएंगी। शिक्षा विभाग ने मशीन लगाने वालीं एजेंसियों का चयन कर जिलों को निर्देश जारी किया है।

विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। चार एजेंसियों का चयन किया गया है। इन एजेंसियों में दो बिहार तथा दो अन्य राज्यों की हैं। इन सभी एजेंसियों को अलग-अलग बराबर संख्या में जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। स्कूलों में इंटरनेट उपलब्धता के लिए बीएसएनएल की सेवा ली जाएगी। इंटरनेट सेवा बहाल होने और मशीनें लगने के तुरंत बाद स्कूलों में शिक्षकों की बायोमेट्रिक पद्धति से हाजिरी बननी शुरू होगी। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में ई-लाईब्रेरी की सुविधा बहाल की जानी है।


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