मकर संक्रांति पर लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं ताकि वे सूर्य की कृपा और आशीर्वाद उन्हें मिले पूजा में विशेष रूप से जल और सुर्य देव का आराधना किया जाता है पर क्या आप जानते हैं कि इस दिन सूर्य की पूजा क्यों किया जाता है?
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा का कारण है कि इस दिन सूर्य देव मकर (Capricorn) राशि में प्रवेश करते हैं जिसे उत्तरायण कहा जाता है. इस दिन को हिन्दू पंचांग में ‘मकर संक्रांति’ के नाम से जाना जाता है, और यह हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं ताकि वे सूर्य की कृपा और आशीर्वाद उन्हें मिले पूजा में विशेष रूप से जल (गंगाजल या तुलसीजल) और सुर्य देव का आराधना किया जाता है. लोग धूप, दीप, चावल, फल, और तिल के लड्डू सूर्य देव को अर्पित करते हैं. इस बार मकर संक्रांति के दिन बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है जिसका 5 राशियों को फायदा मिल रहा है।
कुंडली में जब सुर्य की स्थिति मजबूत होती है उस समय जीवन में मान सम्मान बढ़ता है. धन संपत्ति की में वृद्धि होती है. खासकर मकर संक्रांति पर जब सुर्य अपना राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका प्रभाव हर साल कुछ राशियों पर पड़ता है. सूर्य देव की पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य के उत्तरायण को समर्थन करना है, इस दिन से दिन का समय बढ़ता है और रात का समय कम होता है. इससे पृथ्वी पर ऊर्जा का बड़ा स्रोत मिलता है और जीवन को सुस्त और ठंडे मौसम में बदलने का संकेत होता है।
कैसे करें सूर्य देव की पूजा
धूप और दीप: पूजा की शुरुआत धूप और दीप से करें। धूप और दीप को सूर्य देव की पूजा के लिए उचित माना जाता है. सूर्य की दिशा में दीप जलाएं और धूप का धुआं उठाएं।
सूर्य देव का मंत्र: सूर्य देव का मंत्र “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” है. इस मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव की आराधना करें।
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