राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि दो चरणों के नामांकन के बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 40 प्रतिशत सीटें खाली रह गई हैं। इस बार दो चरणों के नामांकन के बाद 597 सीटें बची हुई हैं। यहां तक कि एनएमसीएच जैसे संस्थान में दो राउंड के नामांकन के बाद 74 सीटें रिक्त हैं।

बीसीईसीईबी की ओर से नामांकन प्रक्रिया जारी है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 1206 सीटों में 597 सीटें खाली रह गयी हैं। राज्य के 85 प्रतिशत मेडिकल व डेंटल सीटों पर पहली बार तीसरे चरण में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटें इतनी संख्या में खाली रही हैं। निजी कॉलेजों के 1050 सीटों में से मात्र 263 सीटें खाली हैं।

इस बार नामांकन प्रक्रिया में बदलाव हो गया है। सरकारी के बजाए निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटें पहले भर गई हैं। इसके पूर्व में हुए नामांकन के रिकॉर्ड को अगर देखा जाए तो दो चरण के बाद मुश्किल से सौ सीटें बचती थीं। इसमें भी पीएमसीएच और एनएमसीएच की सीटें पहले भर जाती थीं। इसके बाद आईजीआईएमएस और दरभंगा मेडिकल कॉलेजों की सीटें भरती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ है।

मेडिकल परीक्षा विशेष गोल के निदेशक बिपीन कुमार सिंह ने बताया कि बीसीईसीईबी की ओर से विलंब से नामांकन प्रक्रिया शुरू की गई है। छात्र राज्य कोटा छोड़ कर केंद्रीय कोटा के तहत नामांकन ले चुके हैं। दूसरे चरण में कइयों को राज्य में बढ़िया कॉलेज नहीं मिला। केंद्रीय कोटा से तीसरे चरण में उन्हें बेहतर कॉलेज मिला होगा तो वह वहां नामांकन ले चुके होंगे। इससे कम रैंक वाले छात्रों को भी फायदा मिलेगा। वहीं, बीसीइसीइबी के ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि अभी नामांकन प्रक्रिया जारी है।

मेडिकल कॉलेज में कितनी सीटें रिक्त

सरकारी कॉलेज- खाली सीट

जीएमसी, बेतिया- 75

एनएमसीएच, पटना 74

एएनएमएससीएच, गया 47

जीएमसी, पूर्णिया 45

बीएमआइएमएस, पावापुरी 42

आइजीआइएमएस, पटना 34

इएसआइसीएमसी, बिहटा 22

पीएमसीएच पटना 14

जेएलएनएमसीएच,भागलपुर 67

जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा 62

एसकेएमसीएच, मुज 59

डीएमसीएच, दरभंगा 56


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