उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। एक तरफ जहां देश के अधिकांश लोगों में इस मौके को लेकर उत्साह का माहौल है, वहीं कुछ लोग रंग में भंग डालना चाहते हैं। बता दें कि पिछले दिनों यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कई संदिग्धों की तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान यूपी एटीएस के अधिकारियों को माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगे संदिग्धों के मोबाइल फोन तो बरामद हो गए लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।

‘समुदाय विशेष के लोगों को भड़का रहे थे’

सूत्रों के मुताबिक, यूपी एटीएस को जानकारी मिली थी कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कुछ युवक अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना को लेकर समुदाय विशेष के लोगों को भड़का रहे थे। इनका इरादा भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले बड़ी वारदात को अंजाम देने का था। इसकी सूचना जैसे ही यूपी एटीएस के अधिकारियों को मिली, उन्होंने 11 संदिग्धों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी। मिर्जा सैफ, अब्दुल वाहिद, यासिर, जियाउद्दीन सिद्दीकी, थोरभान, एसके खालिद ताहिर समेत कई संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर यूपी एटीएस ने जांच शुरू कर दी।

कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया गया

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी एटीएस ने कई संदिग्धों को 15 से 20 जनवरी के बीच लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर में पूछताछ के लिए बुलाया है। आपको बता दें कि जैसे ही यूपी एटीएस को युवाओं को भड़काने के बारे में जानकारी मिली, के अधिकारियों ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेड की। छापेमारी के दौरान किसी की गिरफ्तारी तो नहीं हो पाई लेकिन कई आरोपियों के मोबाइल फोन जरूर बरामद हो गए। यूपीएटीएस अब पूरे मामले की विस्तार से जांच कर रही है। बता दें कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-दुनिया की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी।


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