प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत 24 जनवरी को पूछताछ के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के पोते और महाराष्ट्र के विधायक रोहित पवार को तलब किया है. ईडी ने पांच जनवरी को बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य जगहों पर रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और कुछ संबंधित इकाइयों के परिसरों पर छापा मारा था. रोहित पवार (38 साल) महाराष्ट्र विधानसभा में कर्जत-जामखेड सीट से राकांपा विधायक हैं. वह बारामती एग्रो के मालिक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. पहली बार विधायक बने रोहित राकांपा के शरद पवार गुट से हैं.

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की एफआईआर पर आधारित है. इन छापों पर प्रतिक्रिया जताते हुए राकांपा (शरद पवार धड़ा) ने कहा कि रोहित पवार की ‘युवा संघर्ष यात्रा’ ने ‘जड़ों पर चोट’ किया है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को असुरक्षित बना दिया है. सूत्रों ने बताया कि रोहित की कंपनी के खिलाफ ईडी की जांच महाराष्ट्र स्थित एक खस्ताहाल सहकारी चीनी फैक्ट्री की खरीद के लिए बोली लगाने वाली कंपनी के धन की हेराफेरी के आरोपों से संबंधित है।

गौरतलब है कि इससे पहले ईडी ने जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपने पटना कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर फिर से समन जारी किया है. सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद को जहां 29 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं तेजस्वी को 30 जनवरी को बुलाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि एक टीम समन देने के लिए प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आधिकारिक आवास पर गई थी.

लालू प्रसाद और तेजस्वी को पटना के बैंक रोड स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. दोनों इस मामले में जारी किए गए पूर्व समन पर पेश नहीं हुए थे. कथित घोटाला उस समय का है, जब प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे.


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