भागलपुर में बीते वर्ष गंगा व कोसी नदी में हुए भीषण कटाव के बाद राज्य सरकार ने कटावरोधी कार्य के लिए करोड़ों रुपए भी दिए। जिससे कटावरोधी कार्य भी किया गया था। लेकिन यह कटावरोधी कार्य गंगा की भेंट लगातार चढ़ जा रहा है।
भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल अन्तर्गत तिनटंगा के ज्ञानिदास टोला में गंगा किनारे एमसी में बोल्डर पत्थर डालकर 15 करोड़ रुपए की लागत से कटाव रोधी काम कराया गया था। लेकिन कार्य होने के महज 6 महीने बाद ही 20 फीट के दायरे में बोल्डर हटकर गंगा में समा गया है। कई जगहों पर धंसान भी हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है।
क्योंकि पिछले वर्ष तक गंगा ने इस गाँव मे कहर बरपाया था जहां दर्जनों घर कटकर गंगा में समाहित हो गए थे। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पुनः फ्लड फाइटिंग का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ , अधीक्षण अभियंता समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं बालू भरी बोरिया कटाव क्षेत्र में डाली जा रही है। ताकि गांव का अस्तित्व बचाया जा सके।
ग्रामीणों ने कहा
ग्रामीण चंदन कुमार ने बताया कि कटावरोधी कार्य कराया जा रहा है। वहीं, रात में करीब 20 फीट बोल्डर गंगा में बह गया। जैसे ही बोल्डर पानी में बहा ग्रामीणों में एक बार फिर से भय का माहौल बन गया ग्रामीण के मन में लगा कि फिर से एक बार गंगा गांव को अपने साथ बहा ले जाएगी। पूर्व में भी 300 घर गंगा में समा चुके हैं कहीं वैसा ही माहौल न हो जाए।
जिलाधिकारी के निर्देश पर कटावरोधी कार्य हुआ शुरू
भागलपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर कटावरोधी कार्य को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ ,अधीक्षण अभियंता समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं ।
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