देश के ज्यादातर हिस्सों में सर्दी का मौसम बढ़ रहा है। पिछले दिनों कई राज्यों में अचानक से मौसम में बदलाव आया है जिसके कारण अचानक से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। सर्दियों का ये मौसम वैसे तो कई मामलों जैसे खान-पान में आनंद वाला होता है पर इस दौरान आपको सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। गिरते तापमान के साथ कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण श्वसन संक्रमण सहित कई बीमारियों का जोखिम हो सकता है।

Winter Diseases : इतना ही नहीं, सर्दियों का ये मौसम पहले से ही मौजूद कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रिगर करने वाला भी हो सकता है जिसको लेकर अलर्ट रहने और बचाव के उपाय करते रहना सभी के लिए आवश्यक है।

सर्दी-जुकाम, फ्लू का खतरा

ठंड के महीनों में सर्दी, फ्लू और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां अधिक रिपोर्ट की जाती हैं। लोग अक्सर घर के अंदर रहते हैं, जिससे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाते हैं। इसके अलावा ठंडी, शुष्क हवा प्रतिरोध को कमजोर कर सकती है, जो इन बीमारियों के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं रही हैं, उनके लिए ये मौसम इन समस्याओं को ट्रिगर करने वाला भी हो सकता है।

निमोनिया का जोखिम

चीन, इन दिनों निमोनिया के गंभीर संक्रमण की चपेट में है, पिछले कुछ दिनों की रिपोर्ट के अनुसार यहां के अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में निमोनिया की शिकायत वाले रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। सर्दियों का ये मौसम निमोनिया के जोखिमों को काफी बढ़ाने वाला हो सकता है। निमोनिया के मामले सबसे अधिक ठंड के महीनों के दौरान देखे जाते हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को निमोनिया होने का सबसे अधिक खतरा होता है।

ट्रिगर हो सकती है माइग्रेन की दिक्कत

माइग्रेन, गंभीर रूप के सिरदर्द की समस्या है, इसे साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर भी माना जाता है। जिन लोगों को पहले से ही माइग्रेन की समस्या रही है उनके लिए सर्दियों का ये मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है। न्यूयॉर्क शहर के मोंटेफियोर मेडिकल सेंटर के न्यूरोलॉजिस्ट सिंथिया आर्मंड कहते हैं, “ठंड का मौसम माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के कारण रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिसके कारण सिरदर्द की समस्या के बढ़ने का खतरा हो सकता है।


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