जमुई में एक स्कूल ऐसा भी है जो भगवान भरोसे चलता है। बच्चे क्लास रूम में जाने से पहले अपनी सलामती के लिए दुआ मांगते हैं। सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, तब वह क्लास रूम में जाने से पहले मंदिर जाते हैं और माथा टेकते हैं। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई शुरू होती है।

मामला बरहट प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय नुमर का है। यहां के बच्चे जर्जर भवन में पढ़ते हैं। बच्चों ने बताया कि जर्जर भवन होने के कारण उन्हें डर लगता है।

कहते हैं कि कहीं छत का टुकड़ा टूट कर न गिर जाए। इस वजह से वह अपनी सुरक्षा के लिए हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान के सामने माथा टेककर सलामती की दुआ मांगते हैं। स्कूल की दीवारों में बड़ी-बड़ी कई दरारें हैं। क्लास रूम के अंदर से आसमान साफ दिखाई देता है।

बच्चों ने बताया कि विद्यालय में पूर्व में हादसा हो चुका है। एक बार सरिता मैडम हमें पढ़ा रही थी, तभी छत का एक टुकड़ा टूटकर उन पर गिर गया था। इससे उन्हें चोट लग गई थी। इसके बाद से हमलोग हर दिन क्लास रूम में जाने से पहले भगवान से प्रार्थना करते हैं।

अधिकारी आए-गए, फिर भी कोई सुधार नहीं

स्कूल प्रभारी अर्चना कुमारी ने बताया कि बिल्डिंग की स्थिति बहुत ही खराब है। कब गिर जाएगा, इसका कोई ठिकाना नहीं है। विभाग को कई बार मैंने जानकारी दी है। आश्वासन मिलता है, पर कोई प्रगति नहीं है। पूर्व में एक बार शिक्षिका सरिता कुमारी पर छत का टुकड़ा गिर गया था। अधिकारी स्कूल आए, निरीक्षण भी किए। आश्वासन भी दिए पर कोई काम नहीं हुआ।

इस स्कूल की खास बात यह है कि परिसर के बीचोंबीच ही मंदिर बना हुआ है। उसी मंदिर में बच्चे सलामती के लिए माथा टेकते हैं।

उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय में 1 से 8 तक के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय में 213 बच्चे नामांकित हैं। 6 शिक्षक हैं, जिसमें 5 महिला हैं। बच्चे के अभिभावक भी समय-समय पर आकर अपने बच्चों को देखते हैं।


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